बुलंदशहर हिंसा: मुख्य आरोपियों में से एक ने किया सरेंडर, योगेश राज अभी भी फरार
By: Priyanka Maheshwari Tue, 18 Dec 2018 09:20:37
गोकशी के शक में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई हिंसा के मुख्य आरोपियों में से एक ने स्थानीय कोर्ट में सरेंडर कर दिया। इस हिंसा में एक पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या कर दी गई थी। विश्व हिंदू परिषद नेता विशाल त्यागी हिंसा के बाद से फरार चल रहा था। त्यागी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। बता दे, गोकशी को लेकर भड़की हिंसा के 14 दिन बाद भी पुलिस न तो मृत इंस्पेक्टर सुबोध सिंह पिस्टल और मोबाइल बरामद कर सकी है और न ही मुख्य आरोपी योगेश राज को गिरफ्तार। अभी तक पुलिस ने मामले में 17 नामजद आरोपियों को गिरफ्तार किया है। लेकिन उसे इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित की हत्या की गुत्थी को सुलझाने में कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। मुख्य आरोपी बजरंग दल के नेता योगेश राज को पुलिस अभी तक नहीं ढूंढ़ पाई है।
बता दे, बुलंदशहर जिले के एक गांव में कथित रूप से गायों के अवशेष मिलने के बाद करीब 400 लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी। भीड़ को जब समझाने पुलिस पहुंची तो उसने पुलिस पर ही हमला कर दिया। इसके बाद भड़की हिंसा में एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक नागरिक की मौत हो गई। मामले में पुलिस ने 27 नामजद और 60 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इनमें से 17 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है। लेकिन मुख्य आरोपी बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। हालांकि पुलिस का कहना है कि आरोपियों की तलाश में लगातार दबिश दी जा रही है। कुर्की के नोटिस भी चस्पा किए जा चुके हैं। लेकिन पुलिस को अभी भी योगेश का कोई सुराग नहीं मिला है।
5 दिसंबर को योगेश ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर खुद को बेगुनाह बताया था। उसने दावा किया था कि जब हिंसा भड़की तो वह पुलिस स्टेशन में था। उसने वीडियो में कहा था, 'पुलिस मुझे दोषी करार देने की कोशिश कर रही है। उस दिन दो घटनाएं हुई थीं, जब मैंने सुना कि पास के गांव में गाय के अवशेष मिले हैं तो मैं मेरे साथियों के साथ वहां पहुंचा। वहां पुलिस भी मौजूद थी। जब वहां मामला शांत हो गया तो हम लोग नजदीकी पुलिस थाने शिकायत दर्ज कराने चले गए। जब हिंसा भड़की तो मैं उस वक्त पुलिस थाने में ही था।'
पुलिस ने इस मामले में जम्मू से सेना के एक जवान को भी गिरफ्तार किया है। हालांकि, बाद में कहा कि उसके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं। हिंसा की इस घटना के बाद विपक्षी दलों ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला किया। समाजवादी पार्टी और मायावती की बसपा ने राज्य में 'पूरी तरह से अराजकता' का आरोप लगाया। वहीं योगी आदित्यनाथ ने पहले इस घटना को बड़ी साजिश बताया था, बाद में एक दुर्घटना करार दे दिया। उन्होंने एक समारोह में कहा था, 'यूपी में कोई मॉब लिंचिंग नहीं हुई है, बुलंदशहर में जो हुआ, वह एक दुर्घटना थी।'