CAA पर बोले नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते - आपके पास संख्या है तो आप डराने की राजनीति नहीं कर सकते
By: Pinki Mon, 20 Jan 2020 11:10:15
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच भारतीय जनता पार्टी के नेता और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने अपनी ही पार्टी को लेकर चौकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा सिर्फ इसलिए कि आज हमारे पास संख्या है, हम डराने की राजनीति नहीं कर सकते। भाजपा को सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को नागरिकता संशोधन कानून के फायदों के बारे में बताया जाना चाहिए। न्यूज एजेंसी एएनआई ने उनके हवाले से लिखा है, 'मैंने अपने पार्टी नेतृत्व को सुझाव दिया है कि थोड़े से संशोधन के साथ पूरा विपक्ष के अभियान को ठप किया जा सकता है। हमें विशेष रूप से यह बताने की जरूरत है कि यह अत्याचार झेल रहे अल्पसंख्यकों के लिए है, हमें किसी धर्म का उल्लेख नहीं करना चाहिए। हमें अपना नजरिया बदलना होगा।' साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब एक बिल कानून के रूप में पास हो जाता है तो यह कानूनी रूप से राज्य सरकारों के लिए बाध्यकारी हो जाता है, लेकिन एक लोकतांत्रिक देश में आप नागरिकों पर किसी भी कानून को जबरन नहीं लागू कर सकते।
CK Bose,BJP on CAA: I've suggested to my party leadership that with a little modification the entire opposition campaign will fizzle out. We need to specifically state that it is meant for persecuted minorities, we should not mention any religion. Our approach should be different https://t.co/sbSMOKgM8L
— ANI (@ANI) January 20, 2020
हमारा काम लोगों को यह समझाना है कि हम सही हैं और वे गलत हैं। सिर्फ इसलिए कि आज हमारे पास संख्या है, हम डराने की राजनीति नहीं कर सकते। हमें लोगों को नागरिकता कानून के फायदों के बारे में लोगों को बताना चाहिए।
ऐसा नहीं है कि पहली बार चंद्र कुमार बोस ने नागरिकता कानून को लेकर अपने विचार व्यक्त किए है इससे पहले उन्होंने इस कानून को लेकर कई सवाल उठाए थे। उन्होंने पिछले महीने ट्वीट करते हुए लिखा था कि भारत एक ऐसा देश है, जो कभी धर्मों और समुदायों के लिए खुला है। अगर नागरिकता संशोधन कानून किसी धर्म से जुड़ा नहीं है तो इसमें केवल हिंदू, सिख, बुद्ध, ईसाई, पारसी और जैन ही क्यों शामिल हैं। उनकी तरह मुस्लिमों को भी इसमें शामिल क्यों नहीं किया गया। इसे पारदर्शी होना चाहिए।