अयोध्या : मंदिर-मस्जिद दोनों बनेंगे, पढ़िए फैसले से जुड़ी सभी खास बातें...

By: Pinki Sat, 09 Nov 2019 1:14:08

 अयोध्या  : मंदिर-मस्जिद दोनों बनेंगे, पढ़िए फैसले से जुड़ी सभी खास बातें...

अयोध्‍या (Ayodhya) के राम जन्‍‍‍‍‍‍‍मभूमि (Ram janmbhoomi) और बाबरी मस्जिद (Babri masjid) जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने आज (9 नवंबर) को अपना फैसला सुना दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाते हुए निर्मोही अखाड़ा और शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि विवादित 2.77 एकड़ जमीन रामलला विराजमान को दी जाए, मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने में ट्रस्ट बने और इसकी योजना तैयार की जाए। चीफ जस्टिस ने मस्जिद बनाने के लिए मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन दिए जाने का फैसला सुनाया, जो कि विवादित जमीन की करीब दोगुना है। चीफ जस्टिस ने कहा कि ढहाया गया ढांचा ही भगवान राम का जन्मस्थान है और हिंदुओं की यह आस्था निर्विवादित है।

इस फैसले से जुड़ी सभी खास बातें यहां जानें...

- एएसआई की रिपोर्ट में जमीन के नीचे मंदिर के सबूत मिले, इस तथ्य की पुष्टि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) कर चुका है

- विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास को मिलेगी

- रामलला को जमीन के लिए ट्रस्‍ट बनाया जाए

- मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्‍ट बनाया जाए

- सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि केंद्र सरकार 3 महीने में योजना बनाए।

- सीजेआई ने कहा कि ट्रस्‍ट 3 महीने में मंदिर की योजना तैयार करे।

- 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर सरकार का हक रहेगा- सुप्रीम कोर्ट

- संविधान की नजर में सभी आस्‍थाएं समान हैं

- कोर्ट आस्‍था नहीं सबूतों पर फैसला देती है

- अंदरूनी हिस्‍सा विवादित है। हिंदू पक्ष ने बाहरी हिस्‍से पर दावा साबित किया

- सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन दी जाए। यह जमीन या तो अधिग्रहित जमीन हो या अयोध्‍या में कहीं भी हो

- प्राचीन यात्रियों ने जन्‍मभूमि का जिक्र किया है

- 1949 तक मुस्लिम मस्जिद में नमाज अदा करते थे

- समानता संविधान की मूल आत्‍मा है

- सीजेआई ने कहा कि सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड का दावा विचार योग्‍य।

- हिंदू पक्ष ने कई ऐतिहासिक सबूत दिए

- सीजेआई रंजन गोगोई ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि सभी धर्मों को समान नजर से देखना सरकार का काम है। अदालत आस्था से ऊपर एक धर्म निरपेक्ष संस्था हैं। 1949 में आधी रात में प्रतिमा रखी गई।

- सीजेआई ने कहा कि इतिहास जरूरी है लेकिन इन सबमें कानून सबसे ऊपर है, सभी जजों ने आम सहमति से फैसला लिया है।

- सीजेआई ने कहा कि आस्‍था पर जमीन के मालिकाना हक का फैसला नहीं।

- सीजेआई ने कहा कि मुस्लिम पक्ष का दावा कि आधी रात को प्रतिमा रखी गई।

- सीजेआई ने कहा कि राम जन्मभूमि एक न्यायिक व्यक्ति नहीं हैं।

- सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान को कानूनी मान्यता दी। लेकिन राम जन्मभूमि को न्यायिक व्यक्ति नहीं माना।

- सीजेआई रंजन गोगोई ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि खुदाई में मिला ढांचा गैर इस्लामिक था।

- सीजेआई ने कहा कि निर्मोही अखाड़े और सुन्नी वक्फ बोर्ड के दावे खारिज किए जाते हैं।

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