लापरवाही / मिलते जुलते नाम से हुआ भ्रम, अस्पताल ने कोरोना संक्रमित को दे दी छुट्टी
By: Pinki Sat, 13 June 2020 4:49:35
कोरोना संकट के बीच देश से कई अस्पतालों से लापरवाही के किस्से सामने आ रहे है। हाल ही में एक ताजा मामला असम के डारंग जिले के एक सरकारी अस्पताल से सामने आया। यहां अस्पताल प्रशासन ने ठीक हुए मरीज की जगह कोरोना संक्रमित को छुट्टी दे दी। जब मामला सामने आया तो प्रसाशन ने कहा कि यह गलती मिलते-जुलते नाम की वजह से हुई है। अस्पताल प्रशासन की इस गलती की वजह से लोगों में दहशत का माहौल बन गया है। जिला प्राशसन ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं।
दरअसल, असम सरकार ने मंगलदोई सिविल अस्पताल में एडमिट 14 मरीजों को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करने की अनुमति दी गई थी, जिसके बाद मंगलदोई सिविल अस्पताल में एडमिट हॉस्पिटल स्टाफ ने ठीक हो चुके मरीजों की लिस्ट, मरीजों के सामने पढ़कर सुनाई। स्टाफ ने जब लिस्ट से हामिद अली का नाम पढ़ा तो हनीफ अली नाम के शख्स ने हां में जवाब दिया। इस दौरान हामिद अली वहीं चुप बैठा रहा। हामिद अली का पांच जून से मंगलदोई सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा था। अली प्रवासी मजदूर हैं। जबकि हनीफ अली, तीन जून से हॉस्पिटल में भर्ती हैं। अब तक उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव नहीं आई है।
एक वरिष्ठ डॉक्टर ने इस घटना को लेकर कहा कि दोनों का नाम सुनने में एक जैसा लगता है, इसलिए भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। हमने हामिद की जगह हनीफ को डिस्चार्ज कर दिया। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि हामिद अली और हनीफ अली में गड़बड़ हो गया। हमने हामिद अली की जगह हनीफ अली को डिस्चार्ज कर दिया।
बता दें कि बुधवार को हनीफ के साथ शाहिदुल हक, नजरूल इस्लाम, सिकंदर अली और ओसमान गोनी को भी अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था। हनीफ अली बुधवार रात 9 बजे के करीब एम्बुलेंस में बैठकर अपने गांव पहुंचा। बाद में अस्पताल प्रशासन को जैसे ही इस गलती की जानकारी मिली उन्होंने हनीफ को गुरुवार को ही वापस बुला लिया। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए डारंग जिले के डिप्टी कमिश्नर ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं।