कामकाजी महिलाओं की शक्ति बनेगा उसका संयुक्त परिवार, इस तरह बैठाएं तालमेल
By: Priyanka Tue, 05 Nov 2019 4:44:20
आजकल के विवाह विज्ञापनों से पता चलता है कि नौजवान अपने लिए कमाऊ पत्नी ही चाहते हैं। ऐसे में लोग पति-पत्नी की कमाई से शादी के बाद जल्दी साधन संपन्न होना चाहते हैं। अगर कमाऊ लड़की को शादी करने के बाद अपने पति के परिवार के सदस्यों के साथ रहना पड़े तो संयुक्त परिवार के सभी सदस्यों के विचार और धारणाएं अलग-अलग होने की वजह से उसको नए माहौल में ढलना पड़ता है। वह स्वावलंबी होन के साथ-साथ अगर स्वतंत्रता पसंद है तो उसे जीवन में नई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
किचन की जिम्मेदारियों में हाथ बटाएं-
जहां ईश्वर ने ही स्त्री-पुरूष दोनों को ही सक्षम बनाया है, वहां स्त्री पर ही घर के काम का बो-हजय क्यों हो? जब स्त्री को रसोई से निकलकर पुरूष समाज के कार्यो में लिप्त होने की स्वतंत्रता मिल गई है तो पुरूष उनका किचन में हाथ क्यों नहीं बंटा सकते? संयुक्त परिवार में सास-ससुर अपने बेटे को इस बात के लिए प्रेेरित करें।
बच्चों पर दें ध्यान
जब महिला घर के खर्चो का भार वहन करने के लिए पुरूषों का साथ निभाती है और इसके लिए वह अपने बच्चों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाती ऐसे में सास-ससुर को चाहिए कि वह मां की अनुपस्थिति में उसके बच्चे का पूरा घ्यान रखें वो भी बिना किसी तनाव के। इसके दो फायदे है एक तो महिला बिना किसी टेंशन के अपने काम ध्यान दे सकेगी ओर दूसरा परिवार के बुर्जुगों को भी बच्चों के साथ समय बिताने से उनका मन लगा रहेगा। साथ ही बच्चों को भी उसके दादा-दादी के संस्कार और प्यार मिल पायेगा।
समान अधिकार दें
समाज के बदलते आयाम में कमाऊ बहू को घर के आर्थिक खर्चाें में राय देने का अधिकार होना चाहिए। ताकि पारिवारिक परिवेश में शांति बनी रहें।