अगर आप भी सिखाना चाहते है अपने बच्चो को समय का सदुपयोग करना तो अपनाये ये तरीके

By: Ankur Mon, 23 July 2018 4:33:46

अगर आप भी सिखाना चाहते है अपने बच्चो को समय का सदुपयोग करना तो अपनाये ये तरीके

बच्चों के स्कूल शुरू हुए काफी समय हो गया हैं। लेकिन अभिभावकों के लिए बच्चों का रूटीन सेट ना हो पाना एक चिंता का विषय बना रहता हैं। जिसकी वजह से बच्चों स्कूल और पढ़ाई में ही रह जाते हैं और उन्हें इतना वक्त नहीं मिल पाता कि वे कुछ फिजिकल एक्टिविटी कर पाएं, जो कि बच्चों के स्वास्थ्य और शारीरिक विकास के लिए बेहद जरूरी हैं। सी समस्या का समाधान हैं बच्चों को टाइम मेनेज करना सिखाना। जी हाँ, बच्चा अगर सही तरह से टाइम मेनेज करना सीख जाता है तो वह खुद के लिए उपयोगी समय आसानी से निकाल लेता हैं। तो चलिए जानते हैं किस तरह से बच्चों को टाइम मेनेज करना सिखाया जाए।

* शुरुआत से ही बच्चों की पढ़ाई और खेलकूद के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए उन्हें टाइम-टेबल फॉलो कराना जरूरी है। इससे कई फायदे होते हैं। बच्चे अपने समय का सदुपयोग करना सीखते हैं। इससे उन्हें खेलने के लिए भी प्रॉपर टाइम मिलेगा साथ ही उनकी पढ़ाई भी सुचारू रूप से चलती रहेगी। इससे उन्हें टाइम मैनेजमेंट आएगा और वे अनुशासित भी बनेंगे।

* उनके खाना खाने का समय भी फिक्स करें। स्कूल से आने के बाद उन्हें खाने के लिए दे दें। कई बच्चे भूख नहीं है का बहाना करते हैं। आप उनकी न सुनें। थोड़ा बहुत खाने के लिए जरूर दें। रात के समय भी 7 से 8 के बीच डिनर दे दें। खानपान पर विशेष ध्यान देने से उनके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते रहेंगे, जिससे उनका विकास भी प्रॉपर होगा और वे पढ़ाई और परीक्षा के दौरान मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार होकर तनावमुक्त परीक्षा दे सकेंगे।

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* पढ़ाई करने के लिए भी समय फिक्स करें। स्कूल से आने के बाद दो घंटे सोने के लिए कहें। जब जागें तो उन्हें हल्का-फुल्का स्नैक्स दें और फिर खेलने के लिए भेज दें। दिन में सो जाएंगे, तो उन्हें रात में जल्दी नींद नहीं आएगी। ऐसे वे अपना स्कूल का होमवर्क भी पूरा कर लेंगे। सबसे बढ़कर हमें उन्हें यह यकीन दिलाना चाहिए कि हम हमेशा उनका साथ देने के लिए मौजूद हैं। सिर्फ एक परीक्षा जिंदगी को निर्धारित नहीं करती, इसके आगे जिंदगी के मायने और भी हैं। जरूरत है, तो बस एक सही सकारात्मक सोच की।

* अलार्म क्लॉक के जरिए उसे समय के मोल के बारे में बताया जा सकता है जैसे शाम को 7 से 9 बजे का समय पढ़ाई का है और फिर आधे घंटे मोबाइल पर गेम या टीवी पर कार्टून देखने का समय है। 7 बजे का अलार्म लगा दीजिए। इससे वे समय पर पढ़ने के लिए बैठ जाएंगे। उसे लगेगा कि यदि वह दो घंटे पढ़ लेगा तो टीवी देखने को मिलेगा। कई बार बच्चे टीवी देखने के चक्कर में टाइम टेबल भूल जाते हैं। ऐसे में आप इस आदत को नजरअंदाज न करें। उन्हें समय पर सोने की बात याद दिलाएं।

* कैलेंडर बना कर हर रोज उस पर टिक मार्क करें। बच्चे ने जो भी काम समय पर किया है, उस पर टिक लगाने के लिए उसे खुद कहें। यदि कैलेंडर पर लिखा है कि सुबह 6।30 पर उठना है, 6:45 तक नहा लेना है, 7 बजे तक रेडी होकर 7:15 तक बस स्टॉप पर पहुंच जाना है। यदि इन सभी बातों को समय पर बच्चा फॉलो कर रहा है, तो कैलेंडर पर यस का टिक लगा देखकर उसे खुद भी बहुत अच्छा महसूस होगा।

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