इस तरह करें अपने जिद्दी बच्चों की समझाइश

By: Priyanka Tue, 12 May 2020 1:58:29

इस तरह करें अपने जिद्दी बच्चों की समझाइश

एक अध्ययन के अनुसार जब बच्चे तीन से बारह साल के बीच होते हैं तब उनके स्वभाव में परिवर्तन होना शुरू होता है। बच्चों के स्वभाव और आदत की रचना उनके आस-पास के वातावरण में घट रही घटनाओं से बनना शुरू होता हैं। इस एज ग्रुप के बच्चों में बहुत गुस्सा और कुछ चीजों को लेकर हद से ज्यादा जिद का विकास होता है। कामकाजी माता-पिता की सबसे बड़ी चिंता यही होती है कि वो अपने जिद्दी बच्चे को कैसे समझाएं। बच्चे के जिद्दीपन के पीछे एक नहीं, बल्कि कई कारण होते हैं। जैसे ही आप उन्हें समझ जाएंगे, तो आपको जिद्दी बच्चे को बेहतर तरीके से संभालने में मदद मिलेगी।

stubborn child,mates and me,relationship tips,tips to handle stubborn child ,जिद्दी बच्चे को कैसे संभालें , रिलेशनशिप टिप्स

गाली

ग्लोच या मारपीट करने की गलती ना करें-जो पैरेंट्स बच्चों पर चिल्लाते या मारपीट करते हैं, वह बच्चे के अडिग व्यवहार के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार होते हैं। बच्चों को उल्टा-सीधा बोलना, गाली-ग्लोच करना या उनसे बातचीत बंद कर देना, यह सही तरीका नहीं हैं। अगर बच्चा गुस्सैल या चीखे- चिल्लाएं तो भी आप उस पर चिल्लाएं ना। उसे नार्मल होने के लिए वक्त दें, जब वह शांत हो जाए फिर उसे प्यार से समझाएं। आपकी मारपीट से बच्चा और भी जिद्दी होगा या आपसे दूर व डरने लगेगा। इसी वजह से कुछ बच्चे माता-पिता की इज्जत करना भी छोड़ देते हैं।

ध्यान भटकाएं

ऐसी कुछ स्थितियां हो सकती हैं जिसमें आप और आपका बच्चा एक दूसरे से सहमत न हों, उदाहरण के लिए कार की सीट। यदि बाहर जाने के निर्णय से आपकी और आपके बच्चे की इच्छाओं के प्रति तालमेल नहीं बैठता है तो यह बताकर उसका ध्यान भटकाएं कि आप कहाँ जा रहे हैं बजाय इसके कि आप कैसे जा रहे हैं। यदि इसका परिणाम गुस्सा या नाराजगी होती है तो इसमें भी खेल खेलने का प्रयास करें, इसका समय निर्धारित करके या अन्य भाई-बहनों को भी इसमें शामिल करके।

stubborn child,mates and me,relationship tips,tips to handle stubborn child ,जिद्दी बच्चे को कैसे संभालें , रिलेशनशिप टिप्स

तर्क सिखाइए

सब से महत्त्वपूर्ण बात यह है कि बच्चों को तर्क का महत्त्व सिखाना।हम कहते हैं इसलिए ऐसा करो की जगह ऐसा करना ही ठीक है, समझाइए। हमारे समाज में लकीरों को पीटने की शिक्षा दी जाती है और कोई कार्य क्यों किया जाए या न किया जाए, यह न जानने की कोशिश करते हैं, न समझने की, न ही समझाने की। बच्चों को सही राह दिखाने के लिए उन की तर्कशक्ति बढ़ाएं। वे क्यों का उत्तर देना सीखें।

हंसकर दें जवाब

जब भी आपका बच्चा गुस्सा होता है तब वह आपसे यह अपेक्षा करता है कि आप उसकी इस हरकत पर गुस्सा या मायूस होंगे जो आमतौर पर सभी पेरेंट्स करते हैं। पर आप ऐसा कुछ ना करें और माहौल को बदलने के लिये कुछ पल तक शांति बनाएं रखे और हँसे। आपके इस बर्ताव से उसे भी हँसी आएगी और आगे चलकर वो इस तरह का गुस्सा करने से बचेगा।
एक अच्छा कनेक्शन बनाएं

बच्चे को वह कार्य करने के लिए मजबूर न करें जो वह नहीं करना चाहता है। इससे बच्चा आपकी बातों का विद्रोह कर सकता है और वह जो नहीं करना चाहिए उन कार्यों को भी करने की जिद्द कर सकता है। यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा टीवी देखने के बजाय अपना होमवर्क करने बैठ जाए तो थोड़ी देर के लिए बच्चे के साथ टीवी देखने का प्रयास करें। इससे आप दोनों के संबंध में मित्रता का भाव आएगा और थोड़ी देर के बाद आप उससे पूछ सकते हैं कि क्या अब वह अपना होमवर्क करेगा और आप उसके पास एक किताब लेकर पढ़ना शुरू करें या कुछ और काम करें। वह आपको देखकर पढ़ना शुरू करेगा।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com