चाहते हैं साथी के साथ मजबूत रिश्ता, तो इन बातों से बचें
By: Hema Sat, 24 Mar 2018 2:02:52
आपसी रिश्तों में अपने पार्टनर के साथ नोंक-झोंक होना आम बात है। यह नोंक-झोंक ज्यादा होती है तो यह रिश्ते की असुरक्षा को लेकर होती है। इसका कारण अविश्वास, शक, ईष्र्या होते हैं। यदि आपके मन में अपने साथी के प्रति इस प्रकार की भावना घर करने लगी है तो आप अपने रिश्ते को टूटने से बचा नहीं सकते हैं। ऐसे में इनसे बचने का हरसंभव प्रयास किया जाना चाहिए। इसे बचाने के कुछ ऐसे कारगर उपाय हैं जो आपके रिश्ते को बचाने में काम आ सकते हैं। आइए डालते हैं एक नजर उन तरीकों पर जिन्हें आजमा कर आप अपने रिश्ते में आई दरार को दूर कर सकते हैं।
# जानिए क्यों होता है ऐसा — अपने रिश्ते के प्रति जब भी आपके मन में असुरक्षा की भावना पैदा होती हो तो पहले यह जानने का प्रयास कीजिए कि ऐसा कब होता है। किन परिस्थितियों और किन व्यक्तियों की उपस्थिति में आपको असुरक्षा की भावना महसूस होती है। पहले आप स्वयं इसे समझें और इसके बाद इस बारे में अपने साथी से खुलकर बात करें।
# एक-दूसरे को अच्छे से जानें-पहचानें — रिश्तों में ईष्र्या, शक, अविश्वास और असुरक्षा की भावना धीमे जहर का काम करती है। रिश्ते में बने रहने के जरूरी है पहले आप एक दूसरे को ठीक तरह से जान-पहचान लें। इसके लिए जरूरी है आप अपने पार्टनर के सोशल सर्कल को अच्छी तरह से जान लें। इससे आपके मन में सुरक्षा का भाव पैदा होता है। साथ ही आपके मन में बार-बार यह सवाल नहीं उभरेगा कि वो कहाँ और किसके साथ हैं।
# पुरानी बातों को भूलने का प्रयास करें — अगर आप दूसरी बार किसी के साथ रिश्ते में हैं तो आपके लिए जरूरी है आप अपने पहले रिश्ते को पूरी तरह से भूल जाएं। हालांकि ऐसा हो नहीं पाता है, लेकिन आपके लिए यह समझना जरूरी होता है कि हर व्यक्ति एक जैसा नहीं होता है। इसलिए अपने पिछले बुरे अनुभवों से अपने रिश्ते को प्रभावित न होने दें। उन गलतियों को दोहराने का प्रयास न करें जिनकी वजह से आप अपना पहला रिश्ता खो चुके हैं। हो सकता है पिछली गलतियों का दोहराव आपके नए रिश्ते को बनने से पहले ही खत्म कर दे।
# साथी पर निगाह न रखें — यदि आपके मन में असुरक्षा का भाव जाग रहा है, तब भी आप अपने साथी पर नजर या यूं कि उसकी जासूसी न करें। जासूसी अर्थात् अपने साथी के सोशल मीडिया अकाउंट को चेक करना, छुपकर उसका फोन चेक करना, उनके मैसेज आदि पढऩा। ऐसा करने से आपके मन में उपजी असुरक्षा की भावना कम होगी या नहीं यह तो नहीं कहा जा सकता। हाँ, इतना जरूर होगा कि आप दोनों में झगड़ा जरूर होगा, जिससे आपका रिश्ता न चाहते हुए भी टूटने के कगार पर आ सकता है। ऐसे में कम से कम ऐसा कोई काम तो हरगिज न करें। यदि किसी प्रकार की शंका है तो खुलकर साथी से इस मामले में बात करें।
# साथी पर विश्वास करें — रिश्ता प्यार और विश्वास पर टिका होता है। विश्वास (भरोसे) की कमी के कारण ही असुरक्षा और ईष्र्या की भावना पैदा होती है। इसलिए अपने साथी पर भरोसा करना सीखें। यदि आपने साथी पर मजबूती से विश्वास किया है तो फिर अपने-आप आपके मन से असुरक्षा की भावना समाप्त हो जाएगी।