चंडीगढ़ शहर का एक प्रमुख और चर्चित पर्यटक स्थल है - रॉक गार्डन
By: Priyanka Maheshwari Mon, 30 Apr 2018 08:37:29
यूँ तो कई कलाकार कचरे से कई प्रकार की कलाकृतियाँ बनाते हैं लेकिन क्या आपने कभी ऐसे गार्डन के बारे में सुना है जहाँ आपको हर जगह केवल कचरे और बेकार की वस्तुओं से बनी मूर्तियां और कलाकृतियां देखने को मिलें! जी हाँ आपने सही पहचाना हम बात कर रहे हैं चंडीगढ़ स्थित रॉक गार्डन की जिसे 1958 में नेक चाँद जी ने बनाया था।
बात चंडीगढ़ जाने की हो और रॉक गार्डन न घूमा जाए ये तो हो ही नहीं सकता। रॉक गार्डन चंडीगढ़ के सेक्टर एक में सुखना झील और कैपिटल काम्प्लेक्स के बीच में स्थित है, ये गार्डन चंडीगढ़ शहर का एक प्रमुख और चर्चित पर्यटक स्थल है जिसे नेकचंद रॉक गार्डन के नाम से भी जाना जाता है। हर साल देश विदेश से हजारो पर्यटक इस गार्डन को देखने आते हैं।
रॉक गार्डन नेक चंद जी की रचनात्मकता और कल्पना का एक अद्भुत और उत्कृष्ट प्रतीक है। इस गार्डन में नेकचंद ने घरेलू, शहरी और औद्योगिक कचरे से कई मूर्तियां और कलाकृतियां बनाई हैं। नेकचंद एक कर्मचारी थे जो दिन भर साइकिल पर बेकार पड़ी ट्यूब लाइट्स, टूटी हुई चूड़ियां, चीनी मिट्टी के बर्तन, तार, ऑटो पार्ट्स, चीनी के कप, फ्लश की सीट, बोतल के ढक्कन और बेकार फेकी हुई चीजों को बीनते रहते और यहाँ सेक्टर एक में जमा करते रहते और जब भी उन्हें अपनी नौकरी से कुछ समय मिलता वे इन चीजों से बेहतरीन और उत्कृष्ट मूर्तियाँ और अन्य कलाकृतियां बनाने बैठ जाते। इनके बनने के बाद लोग इन मूर्तियों को देख कर दंग रह गए।
इन मूर्तियों के अलावा इस गार्डन में भवन के कचरे, खाने के कांटे, खेलने की गोलियां और टेराकोटा बर्तन को मनुष्यों, पशुओं और काल्पनिक जीवों के आकार में दिखाया गया है। गार्डन में आपको झरने, पूल, घुमावदार रास्ते सहित 14 लुभावने चैम्बर भी देखने को मिलेंगे। साथ ही आपको यहाँ एक ओपन थिएटर देखने को मिलेगा जहाँ कई तरह की सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती रहती हैं।
यहाँ आने वाले पर्यटक इन मूर्तियों, मंदिरों, महलों आदि को देखकर अचरज में पड़ जाते हैं कि कैसे बेकार के सामान से एक व्यक्ति इतनी शानदार कृतियों का निर्माण कर सकता है। रॉक गार्डन की कीर्ति अब देश विदेश के पर्यटकों और कलाप्रेमियों के दिलों तक पहुँच चुकी है।
आपको बता दें कि रॉक गार्डन साल के बारह महीनों और सातों दिनों खुला रहता है लेकिन अधिकतर पर्यटक यहाँ सर्दियों में ही जाना पसंद करते हैं क्योंकि गर्मी के दिनों में गार्डन की दीवारों से निकलने वाली उमस और मौसम की गर्मी उनका सारा मज़ा किरकिरा कर देती है। गर्मियों में भी पर्यटक यहाँ आते हैं लेकिन उनकी संख्या सर्दियों के मुकाबले कम ही रहती है।