जून में बना ले सिक्किम के इस खूबसूरत हिल स्टेशन का प्लान, चुके तो करना पड़ेगा पूरे साल इंतज़ार
By: Priyanka Maheshwari Thu, 10 May 2018 6:10:34
युकसोम भारतीय राज्य सिक्किम के पश्चिम ज़िले में स्थित एक प्रसिद्ध शहर है। धार्मिक स्थलों की एक सरणी से घिरा हुआ, गेजिंग में यह ऐतिहासिक शहर सिक्किम का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है और ट्रेकर्स के बीच काफ़ी लोकप्रिय भी है। एक औसत ऊंचाई पर स्थित होने के कारण युकसोम में मौसम की स्थिति भी काफ़ी सामान्य रहती है। युकसोम और सिक्किम के अन्य स्थानों में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के विचार को अपनाये जाने के चलते यह स्थान अब ईको-टूरिज्म ग्राम के रूप में जाना जाता है। अपने मोहक परिदृश्य के लिए युकसोम की पहाड़ियों का नाम पहले 'ने-पेमाथांग' था। एक औसत ऊंचाई पर स्थित होने की कारण युकसोम में मौसम की स्थिति भी काफ़ी सामान्य रहती है।
मार्च से जून के दौरान और सितंबर और नवंबर के महीनों के बीच जगह सुखद रहती है। हालांकि, दिसंबर से फ़रवरी तक सर्दियों के महीने ठिठुराने वाले होते हैं। यहाँ के समृद्ध वन क्षेत्रों में मेपल, अखरोट, मंगोलिया, चांदी देवदार, सन्टी, व्यापक त्यागा ओक और अल्डेर के साथ कुछ दिलचस्प नाम वाले वनस्पतियों से भरे जंगलों की शृंखला है। युकसोम का शाब्दिक अर्थ है 'तीन लामाओं की बैठक का स्थान' । माना जाता है कि ये तीन लामा तिब्बत से आए थे जिन्होंने अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए यहां बैठक की थी। इस खास लेख में जानिए पर्यटन के लिहाज से यह खूबसूरत पहाड़ी गंतव्य आपके लिए कितना खास है, जानिए यहां के सबसे प्रसिद्ध स्थानों के बारे मे।
# केचेओपरल्ड्री झील
केचेओपरल्ड्री झील 6000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सिक्किम की चुनिंदा सबसे खूबसूरत और बड़ी झीलों में गिनी जाती है, जो पेलिंग शहर से लगभग 28 किमी दूर है। अपनी कुदरती खासियतों के बल पर यह झील बहुत हद तक पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यह झील आकार में काफी बड़ी है, जो जंगल के मध्य स्थित है। अपनी खूबसूरती के अलावा यह झील अपनी दैवीय पवित्रता के लिए भी काफी लोकप्रिय है। किंवदंतियों के अनुसार, यह झील देवी तारा से जुड़ी मानी जाती है। झील के बारे में विभिन्न कहानियों को स्थानीय लोगों के माध्यम से सुना जा सकता है। स्थानीय लोग इस झील को एक पवित्र स्थान के रूप में मानते हैं। तीर्थयात्री हर साल यहां झील के दर्शन के लिए आते हैं।
# तास हाइडिंग मठ
ताशीदिंग मठ सिक्किम राज्य के पश्चिम सिक्किम ज़िले में हृदय के आकार की एक पहाड़ी के शिखर पर बना हुआ है। बौद्ध ग्रंथों के अनुसार गुरु पद्मसंभव ने 8वीं शताब्दी में यहीं पर सिक्किमवासियों को आशीर्वाद दिया था। ताशिदिंग बेहद खूबसूरत है, जो माउंट कंचनजंगा की पृष्ठभूमि में एक आकर्षक दृश्य प्रस्तुत करता है। सिक्किम के पहले चोग्याल के अभिषेक की रस्म अदा करने वाले तीन लामाओं में से एक नगाडक सेंपा चेंपो द्वारा 18वीं सदी में ताशिदिंग मठ का निर्माण किया गया था। यहाँ एक प्रसिद्ध चोर्टन है, जिसके लिये ताशिदिंग प्रसिद्ध है। इसे 'थोंग-वारंग-डोल' कहा जाता है, जिसका अर्थ है- 'एक झलक में मुक्ति देने वाला' और तदनुसार यह माना जाता है कि चोर्टन की एक झलक से श्रद्धालुओं के सारे पाप धुल जाते हैं। इस स्थान की एक और महत्वपूर्ण घटना है, जिसके लिये ताशिदिंग मठ प्रसिद्ध है। गोम्पा हर साल 'पवित्र जल त्योहार' का आयोजन करता है। हर साल चंद्र महीने के 14वें और 15वें दिन मठ में एक रस्म अदा की जाती है, जिसे 'भुमचु' कहते हैं, तब श्रद्धालु इस पवित्र जल को ग्रहण करते हैं। शुभ दिन पर इस पवित्र जल को बाहर ले जाया जाता है और फिर बाद में मठ के लामाओं द्वारा सुरक्षित वापस लाया जाता है।
# दुबडी मठ
दुब्दी मठ अथवा 'डुबडी मठ' सिक्किम के प्रसिद्ध धार्मिक नगर युकसोम में स्थित बौद्ध मठ है। यह सिक्किम में पहला स्थापित और सबसे पुराना मठ है। इस मठ की स्थापना 1701 ई. में हुई थी। यह 'न्यिन्गमा संप्रदाय' का तिब्बती मठ है और चोग्यालों द्वारा स्थापित तथा बौद्ध धार्मिक तीर्थ स्थलों की शृंखला का एक हिस्सा है। दुब्दी मठ एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है और युकसोम से आधे घंटे पैदल चलकर यहां पहुँचा जा सकता है। इस मठ को "सन्न्यासियों का मठ" भी कहा जाता था। इसके संस्थापक 'ल्हाटसुन नमखा जिग्मे' थे। सिक्किम में अपनी स्थापना के समय के दौरान से यह चार अन्य निर्मित मठों के बीच जीवित मठ है। दुब्दी मठ 7,000 फीट की उंचाई पर स्थित है और इसका आंतरिक हिस्सा बहुत ही सुंदर और कलात्मक है।
मठ की दीवारें देवताओं और संतों के सुंदर चित्रों के साथ चित्रित की गयी हैं और एक जगह पर पुस्तकों, ग्रंथों और पांडुलिपियों का एक सुंदर संग्रह है।
इसके अतिरिक्त मठ के अंदर तीन लामाओं की मूर्तियां भी स्थित हैं, जो दुब्दी की स्थापना के लिए जिम्मेदार थे। कुल मिलाकर, यह घूमने के लिए एक बहुत ही दिलचस्प जगह बनाता है।
# खानछेंदज़ोंगा राष्ट्रीय उद्यान
बौद्ध मठों के अलावा आप युकसोम स्थित खानछेंदज़ोंगा राष्ट्रीय उद्यान की सैर का भी प्लान बना सकते हैं। यह राष्ट्रीय उद्यान लगभग 820 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है। प्राकृतिक सुंदरता के साथ यह उद्यान कई हिमालय जीव-जन्तुओं को सुरक्षित आश्रय देने का काम करता है। यहां आप हिमालयी तेंदुआ, भालू, हिमालयी काला भालू, लाल पांडा आदि जानवरों को देख सकते हैं। हिमालय क्षेत्र के अंतर्गत इस राष्ट्रीय उद्यान को भारत के चुनिंदा सबसे खूबसूरत नेशनल पार्क में गिना जाता है। पार्क में पक्षियों और वनस्पतियों की 500 से अधिक विभिन्न प्रजातियां मौजूद हैं।
# कटोक मठ
करटोक मठ सिक्किम के पश्चिम ज़िले में स्थित युकसोम का एक ख़ूबसूरत बौद्ध मठ है। यह करटोक झील के सामने स्थित है। मठ का नाम 'गोम्पा' नामक एक लामा के नाम पर है, जो सिक्किम के प्रथम शासक के राज्याभिषेक का हिस्सा थे। करटोक मठ युकसोम के तीन महत्वपूर्ण मठों में से एक का हिस्सा है। दो अन्य महत्वपूर्ण मठ हैं- 'दुब्दी' या 'डुबडी मठ' और 'नगाडक चोरलिंग मठ'। खूबसूरत बौद्ध वास्तुकला और रंगों का इस्तेमाल कर इस मठ को संरचनात्मक रूप से काफी सुंदर बनाया गया है। मानसिक और आत्मिक शांति के लिए आप यहां कुछ समय बिता सकते हैं।