अगर करते है माइक्रोवेव का अधिक उपयोग तो हो जाए सावधान, कभी भी लग सकती है ये बीमारियाँ
By: Priyanka Maheshwari Tue, 08 May 2018 9:48:59
हमारे दैनिक जीवन में माइक्रोवेव का उपयोग इतना आम हो गया है कि इसके बिना किचन में कुछ भी बनाना असंभव लगता है। पर ऐसे लोग जो माइक्रोवेव में खाना पकाकर ही खाना खाते हैं, उन्हें सोचने की जरूरत है क्योंकि ऐसा करने से वे कई बीमारियों से घिर सकते हैं। साथ ही यह आपकी प्रजनन क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। एक स्टडी के मुताबिक, माइक्रोवेव में प्लास्टिक के कंटेनर में खाना गर्म करने से 95 प्रतिशत केमिकल बाहर निकलता है जो कि हमारे सेहत के लिए काफी नुकसानदेह साबित होता है। यह आपके खाद्य पदार्थ से पोषक तत्वों को नष्ट कर सकता है तथा बहुत अधिक तापमान पर यह आपके खाद्य पदार्थ को कैंसर पैदा करने वाले कारकों में बदल सकता है।
विटामिन बी12 की कमी
फिश, लीवर आदि जिनमें विटामिन बी12 की मात्रा भरपूर होती है, जब इन्हें माइक्रोवेव में पकाया जाता है तो उनमें से विटामिन बी12 कम हो जाता है। बता दें कि इनमें उपस्थित विटामिन की मात्रा कम हो जाती है क्योंकि माइक्रोवेव की गर्मी इसे नष्ट कर देती है। इस प्रकार माइक्रोवेव का खाद्य पदार्थों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
मां के दूध को नष्ट कर देता है
जब फ्रोज़न ब्रेस्ट मिल्क (मां का संरक्षित दूध) को माइक्रोवेव में रखा जाता है तो इसके पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं तथा मां के दूध में जो बैक्टीरिया से लड़ने वाली तत्व मौजूद होते हैं वह भी नष्ट हो जाते हैं।
कैंसर होने वाला कारक
माइक्रोवेव में खाना पकाने का मतलब है कि कैंसर जैसी बड़ी बीमारी को बुलावा देना। जब प्लास्टिक के बर्तनों में माइक्रोवेव में खाना बनाया जाता है या गरम किया जाता है तो प्लास्टिक के बर्तन विषाक्त पदार्थ छोड़ते हैं जिसके कारण कैंसर हो सकता है। यह विषाक्त पदार्थ प्लास्टिक के बर्तन के अंदर रखे खाने में मिल जाते हैं।
रक्त की रचना में हो सकती है परिवर्तन
माइक्रोवेव के कारण रक्त की रचना में परिवर्तन हो सकता है। जी हां, माइक्रोवेव में गर्म किए गए दूध और सब्जियों से लाल रक्त कणिकाओं की मात्रा घट जाती है और श्वेत रक्त कणिकाओं की मात्रा बढ़ जाती है। इससे कोलेस्ट्राल का स्तर भी बढ़ता है। इस प्रकार माइक्रोवेव शरीर को नुकसान पहुंचाता है।
हृदय की धड़कन
माइक्रोवेव के कारण आपके हृदय की धड़कन बदल सकती है। माइक्रोवेव से विकिरण उत्सर्जित होते हैं। अगर आपको असामान्य धड़कन या सीने में दर्द की समस्या होने लगे तो आपको माइक्रोवेव में खाना बनाना बंद कर देना चाहिए। यह भी माइक्रोवेव का एक नकारात्मक प्रभाव है।
विशेषज्ञों का कहना है कि माइक्रोवेव में खाने गर्म करते समय प्लास्टिक के कंटेनर में सबसे खतरनाक रसायन बिस्फेनॉल ए और फथालेट होता है, जिन्हें आमतौर पर बीपीए के रूप में जाना जाता है। बीपीए हम अपने रक्त प्रवाह में प्रवेश करते हैं और बांझपन, हार्मोनल परिवर्तन, लिंग लक्षणों में परिवर्तन करते हैं। यहां तक कि कैंसर जैसी समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं। उनका कहना है कि परेशान करने वाली सच्चाई यह है कि खाना गर्म करने से निकलने वाली भाप रसायनों को प्लास्टिक में बहुत अच्छी तरह से आपके खाने में ट्रांस्फर करती है। जब भोजन गरम किया जाता है, तो प्लास्टिक को छूने वाले भोजन से रसायनों को बाहर निकाला जाता है। हमें जितना संभव हो सके प्लास्टिक के उपयोग को कम करने और ग्लास के कंटेनरों में खाने को गर्म करना चाहिए क्योंकि ग्लास कभी प्लास्टिक के समान रसायनों को ट्रांस्फर नहीं करता है, और आपके भोजन को गर्म करने के लिए अधिक सुरक्षित है।