फिल्म समीक्षा - हिचकी : कमाल का अभिनय, बेहतरीन वापसी, कमजोर पटकथा
By: Geeta Fri, 23 Mar 2018 4:34:58
रानी मुखर्जी की चार साल बाद वापसी हुई और क्या वापसी हुई है सशक्त, दमदार, बेहतरीन अभिनय का वो सागर जो अब देखने को मिल रहा है। शायद इसीलिए अब हिन्दी में बड़ी उम्र की नायिकाओं को छोटे नायकों के साथ काम करने को मिल रहा है। रानी मुखर्जी ने नैना के पात्र को न सिर्फ अभिव्यक्त किया है अपितु उसे पूरी तरह से जिया है। फिल्म के पहले दृश्य से लेकर आखिरी दृश्य तक उन्होंने दर्शकों को स्वयं को देखने के लिए मजबूर किया। खुशी, गम, बेइज्जती, हंंसी के पात्र के भाव उन्होंने इस खूबी से पेश किए हैं जिनकी जितनी तारीफ की जाए उतना कम है।
फिल्म की कहानी मुंबई की रहने वाली नैना माथुर (रानी मुखर्जी) की है जो कि टूरेट सिंड्रोम से जूझ रही है। जिसकी वजह से वह रुक-रुककर बातचीत कर पाती है। अच्छी खासी पढ़ाई करने के बावजूद नैना एक टीचर की जॉब करना चाहती है जिसके लिए वह अलग-अलग स्कूल में अप्लाई भी करती है। काफी मुश्किलों के बाद एक स्कूल में उनको टीचर के रुप में रखा जाता है। लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि उस क्लास के 14 बच्चे बहुत ही शरारती हैं और उनकी वजह से कोई भी टीचर ज्यादा दिनों तक उस स्कूल में टिक नहीं पाता। जैसे ही नैना उन बच्चों की क्लास में जाती है बच्चे उसकी बोलने की स्टाइल का मजाक उड़ाने लगते हैं। पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लगाते और तरह तरह से नैना माथुर को परेशान करते हैं ताकि वे स्कूल छोडक़र चली जाए। कहानी में निर्देशक ने कई ट्विस्ट डाले हैं, जिनमें से एक नैना के स्कूल छोडऩे का भी है।
फिल्म का निर्देशन कमाल का है। सिद्धार्थ पी मल्होत्रा ने आठ साल बाद निर्देशन में सशक्त वापसी की है। जितना सशक्त निर्देशन है उतनी ही इसकी एडिटिंग कमाल की है। 118 मिनट लम्बी इस फिल्म का एक भी दृश्य ठूंसा हुआ या अनचाहा नहीं लगता है। कहानी ठीक-ठाक और प्रेडिक्टेबल है लेकिन पटकथा में कुछ लोच है जिसे रानी मुखर्जी और निर्देशक ने अपनी क्षमता से दूर कर दिया है।
जसलीन रॉयल का संगीत फिल्म को गति प्रदान करता है। गीत कहानी के संग-संग चलते हैं। छायांकन साफ है। पूरी फिल्म को स्कूल व कुछ आउटडोर शूट पर फिल्माया गया है। इस वर्ष की तिमाही में कुछ बेहतरीन फिल्में देखने को मिली हैं, जिनमें रानी मुखर्जी की ‘हिचकी’ भी शामिल हो गई है। इस फिल्म को अपने परिवार के साथ एक बार अवश्य देखिए। विशेष रूप से तब जब आप आम फार्मूला फिल्मों से इतर कुछ देखने के शौकीन है। पिछले सप्ताह आपने रेड देखी इस सप्ताह हिचकी देखिए।
फिल्म का बजट लगभग 20 करोड़ रुपए बताया जा रहा है। जिसमें से कि 12 करोड़ रुपए प्रोडक्शन कॉस्ट और 8 करोड़ रुपए फिल्म के मार्केटिंग और प्रमोशन में लगाए गए हैं। ज्यादातर फिल्म की शूटिंग स्कूल के कैंपस में ही हुई है। जिसकी वजह से प्रोडक्शन कॉस्ट और कम हो गई है। फिल्म के सैटेलाइट राइट्स सोनी टीवी को और डिजिटल राइट्स एमेजॉन प्राइम को बेचे जा चुके हैं। अब देखना बेहद खास होगा कि फिल्म पहले वीकेंड में कितनी कमाई करती है।