गुमनामी के अंधेरे में बिग बॉस सीजन-1 के विजेता, हिट फिल्म से हुई थी शुरूआत
By: Priyanka Maheshwari Fri, 13 Oct 2017 1:37:17
वर्ष 2006 से शुरू हुआ कलर्स टीवी का लोकप्रिय कार्यक्रम बिग बॉस ग्यारहवें वर्ष में प्रवेश कर गया है। कलर्स टीवी पर प्रसारित हो रहे इस कार्यक्रम के सीजन-11 की टीआरपी सलमान खान के होते हुए निचले पायदान पर है। इस कार्यक्रम ने अपने शुरूआती दौर में लोकप्रियता के चरमोत्कर्ष को छुआ था। सेलेब्रिटीज के भाग लेने के कारण अपने पहले सीजन से इसने दर्शकों में अपनी एक जगह बना ली थी।
बिग बॉस में भाग लेने वाले प्रतिभागी सिर्फ उतने दिन ही चर्चाओं में रहते हैं जितने दिन इसका प्रसारण होता है, उसके बाद यह सितारे क्या कर रहे हैं या वे कहाँ हैं इसकी कोई जानकारी दर्शकों को नहीं होती है। बिग बॉस के पिछले 10 सीजनों में शामिल हुए सितारों में 90 प्रतिशत गुमनामी के अंधेरे में हैं। आज हम पाठकों को इस कार्यक्रम के सबसे पहले विजेता अभिनेता राहुल रॉय के बारे में कुछ जानकारी देने जा रह हैं।
9 फरवरी 1968 को जन्मे राहुल राय ने अपना करियर बतौर मॉडल शुरू किया था। वर्ष 1990 में महेश भट्ट ने उनकी कुछ फोटोज देखने के बाद उन्हें अपनी फिल्म ‘आशिकी’ में नायक के तौर पर अनु अग्रवाल के साथ पेश किया था। ‘आशिकी’ की सफलता अपने आप में एक इतिहास है। इस सफलता के बाद राहुल राय के पास काम की कोई कमी नहीं रही। उन्होंने अपने समय की तमाम सुपर नायिकाओं करिश्मा कपूर, रवीना टंडन, पूजा भट्ट, नगमा, शिल्पा शिरोडकर इत्यादि के साथ काम किया।
‘आशिकी’ के बाद एक समय ऐसा भी था जब राहुल राय ने एक साथ 43 फिल्मों में काम करना स्वीकार कर लिया था, हालांकि इनमें से 19 फिल्मों का पैसा उन्होंने निर्माताओं को वापस लौटा दिया था। वजह यह रही थी कि उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल हो रही थी। कितने अफसोस की बात है कि 16 साल पहले तक अपने 11 वर्ष के फिल्म करियर में राहुल राय की 22 फिल्मों का प्रदर्शन हुआ, जिनमें सिर्फ ‘जुनून’ ऐसी फिल्म रही जिसने बॉक्स ऑफिस पर सफलता प्राप्त की और इस फिल्म के लिए उन्हें श्रेष्ठ अभिनेता के तौर पर फिल्मफेयर के लिए नामांकित किया गया था।
यह राहुल रॉय का दुर्भाग्य रहा कि उनकी कुछ ऐसी फिल्मों का प्रदर्शन नहीं हो सका जिनमें उन्होंने श्रेष्ठ अभिनय किया था। उनकी इन फिल्मों में शामिल हैं - ‘दिलों का रिश्ता’, ‘आयुद्ध’, प्रेमाभिषेक, तुने मेरा दिल ले लिया, दिल दिया चोरी-चोरी, कलयुग, वाजरा, जब-जब दिल मिले - इन सभी फिल्मों में उनकी नायिकाएँ करिश्मा कपूर, रवीना टंडन, शिल्पा शिरोडकर, नगमा आदि थी। राहुल राय का कहना है कि उन्हें अफसोस है कि के.बालचन्दर निर्देशित फिल्म ‘दिलों का रिश्ता’ निर्माता की मृत्यु के कारण प्रदर्शित नहीं हो सकी। के. बालचन्दर की फिल्म उनके करियर को एक अलग मुकाम दे सकती थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
वर्ष 2001 तक फिल्मों में नजर आने वाले राहुल राय अचानक से परदे से गायब हो गए। वर्ष 2006 में पांच साल बाद उन्हें अचानक से लोकप्रियता मिली जब उन्हें टीवी शो ‘बिग बॉस’ के पहले सीजन में बतौर प्रतिभागी शामिल किया गया। मूल रूप से बिग बॉस इंगलैण्ड के लोकप्रिय टीवी कार्यक्रम ‘सेलिब्रिटी बिग ब्रदर’ का हिन्दी रूपान्तरण है जिसका प्रसारण 2006 से शुरू हुआ। इस कार्यक्रम को भारत में लोकप्रिय बनाने में अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी का बहुत बड़ा योगदान है। हालांकि उन्होंने कभी भी इसमें भाग नहीं लिया है। लेकिन वे इसके मूल कार्यक्रम की विजेता रह चुकी हैं। शिल्पा ‘बिग ब्रदर’ की पहली अश्वेत विजेता थी, जिन्होंने इस कार्यक्रम को जीतकर भारत का परचम पूरे विश्व में फहराया था। राहुल रॉय इसके पहले भारतीय संस्करण के विजेता बने थे। आम जनता ने उन्हें अपने वोटो द्वारा 26 जनवरी, 2007 को विजेता बनाया था। बिग बॉस विजेता बनने के बाद उन्हें एक बार फिर से फिल्मों में आने का मौका मिला।
बिग बॉस सीजन-1 का प्रतिभागी और कभी फिल्मों का व्यस्त सितारा रहा राहुल रॉय आज पूरी से गुमनामी के अंधेरे में है। कुछ वर्षों के लिए फिल्मों से संन्यास लेने वाले राहुल रॉय ने 2005 ‘मेरी आशिकी’ नामक फिल्म से बतौर नायक वापसी की। जिन दिनों बिग बॉस का प्रसारण शुरू हुआ, उसी वर्ष उन्होंने ‘नॉटी बॉय’ और ‘रफ्ता-रफ्ता’ (जिसमें उन्होंने अण्डरवल्र्ड डॉन का किरदार निभाया था) नामक फिल्में दी लेकिन इससे उनको कोई फायदा नहीं हुआ।
बतौर अभिनेता असफल रहने के बाद उन्होंने अपना प्रोडक्शन हाउस ‘राहुल रॉय प्रोडक्शन’ शुरू किया जिसके अन्तर्गत उन्होंने ‘एलान’ नामक फिल्म बनाई। 25 नवम्बर 2011 को इसे बिहार में प्रदर्शित किया गया। इस फिल्म में उन्होंने रितुपर्णा सेन के साथ नायक की भूमिका निभाई थी। पूरी तरह से फिल्मों में असफल हो चुका यह अभिनेता आज स्वयं को पुनस्र्थापित करने में लगा हुआ है। टीवी पर कामयाब शुरूआत के बाद भी उन्हें टीवी पर कोई काम नहीं मिला है।
पिछले कुछ लम्बा समय उन्होंने आस्ट्रेलिया में बिताया है लेकिन अब वे स्वयं को फिर से बॉलीवुड में सक्रिय करने में जुटे हैं। उनका कहना है कि वे अच्छी पटकथा और निर्देशक के इंतजार में हैं जो उनकी अभिनय क्षमता को परदे पर दिखा सके। वर्तमान में कार्यरत प्रतिभाशाली अभिनेताओं के बीच उन्हें ‘नायक’ के तौर पर शायद ही काम मिले, हां चरित्र भूमिकाओं में जरूर काम मिल सकता है। इसमें भी फिल्म से ज्यादा उन्हें टीवी पर फोकस करना चाहिए जहाँ प्रोडक्शन हाउस कई-कई कार्यक्रमों का निर्माण एक साथ करते रहते हैं। ऐसे में उन्हें अदाकारों की आवश्यकता पडती रहती है।