जानिए शीशे से जुड़े वास्तुशास्त्र के बारे में
By: Kratika Fri, 18 Aug 2017 5:54:33
घर में लगे आईने या शीशे का इस्तेमाल अक्सर हम अपने आप को देखने के लिए ही करते है, तैयार होने के बाद यदि आइना ना मिले तो अधूरा सा लगता है। लेकिन शीशे का वास्तु शास्त्र में भी महत्त्व है। घर में कांच टूट जाने पर इसे अपशगुन माना जाता है? कैसा कांच घर में लाना चाहिए और कौनसा शीशा घर में नकारात्मकता लाता है? जानिए शीशे से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स –
#यह सिर्फ आपकी सुंदरता ही नहीं दिखता है बल्कि अगर इसका सही से इस्तेमाल किया जाये तो घर में सकारात्मकता और खुशहाली भी लाता है, वही इसके गलत तरीके से इस्तेमाल से घर में नकारात्मकता भी प्रवेश करती है।
# यदि घर का आईना अचानक ही टूट जाये तो ऐसा माना जाता है की कोई अपशगुन हो गया है और यह शुभ नहीं माना जाता।
# लेकिन कई लोग वास्तु के अनुसार शीशे के टूटने को ऐसा भी मानते है है की घर पर आने वाला कोई संकट टूटे दर्पण ने अपने ऊपर ले लिया है। ऐसे में टूटे आईने को तुरंत घर से बाहर कर देना चाहिए। इसके अलावा घर में टूटा-फूटा, नुकीला, धुंधला दिखने वाला या गंदा कांच भी नहीं रखना चाहिए।
#वास्तु के अनुसार यदि शीशे के फ्रेम का कलर तीखा या भड़कीला नही होना चाहिए, घर में केवल नीला, सफेद, हरा, क्रीम या ऑफ व्हाइट कलर वाले फ्रेम के आईने ही रखने चाहिए।
वास्तु के अनुसार गोल और अंडाकार शेप का शीशा भी घर में नहीं रखना चाहिए, ऐसा शीशा घर की पॉजिटिव ऊर्जा को ख़त्म कर नकारात्मकता लाता है।