मेहनत के बावजूद अगर परीक्षाओं में मिलती है असफ़लता तो करें यह उपाय...
By: Ankur Fri, 27 Oct 2017 1:31:25
पढ़ाई में अव्वल हो, अच्छे नंबर आएं, परीक्षा में सफलता मिले वगैरह-वगैरह, ऐसी चाहत हर विद्यार्थी की होती हैं। लेकिन कभी-कभी मेहनत के बावजूद कुछ छात्र असफल भी हो जाते हैं। अगर आप भी परीक्षा में सफल होना चाहते हैं, तो मेहनत के साथ-साथ कुछ सामान्य उपाय करके शिक्षा के क्षेत्र में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं। किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए सबसे आवश्यक है परिश्रम और लगन। इसके अलावा ईश्वर और खुद पर विश्वास। लेकिन कई बार ग्रह-नक्षत्र या दोष की वजह से मेहनत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता है, इसीलिए हम आपके लिए लाएं है कुछ सरल और प्रभावकारी उपाय जिन्हें अपनाकर आप मनचाहा परिणाम पा सकते हैं...
* अध्धयन कक्ष में कॉपी किताबों को हमेशा उनकी नियत स्थान, बैग या अलमारी में ही सलीके से रखें, यह जरुर ध्यान रखें की पड़ाई की मेज, कुर्सी टूटी न हो, कापी, किताबें फटी न हो उन सभी पर जरा भी धूल मिटटी न रहे, लगातार वहां पर साफ सफाई होती रहे ।
* परीक्षा भवन में मानसिक संतुलन का कारक है चंद्रमा! चंद्रमा का मजबूत होना आत्मविश्वास बढ़ाता है। सफेद वस्तु का सेवन करने से, दान करने से, शिव के दर्शन व शिव चालीसा पढ़ने से, कनिष्ठा ऊँगली में चाँदी का छल्ला पहनने से तथा चाँदी के गिलास में पानी पीने से चंद्र मजबूत होता है। कुंडली में चंद्र की स्थितिनुसार मोती पहनने से लाभ होता है।
* हर बुधवार को भगवान श्री गणेश की पूजा करें और नियमित रूप से श्री गणेश मंदिर जाएँ। गणेश जी को मूंग के लड्डुओं का भोग लगाकर परीक्षा में सफल होने की प्रार्थना करें।
* पड़ने की मेज पर खाना नहीं खाना चाहिए, खाना खाते समय पड़ाई की टेबिल पर कॉपी किताबें बंद करके ,खाना खाने के लिए बनाये गए स्थान पर ही खाना चाहिए।
* पढ़ाई में मन न लगने पर मंगलवार के दिन मसूर की लाल दाल लाल कपड़े की थैली में डालकर पॉकेट में रखें, पढ़ने में रुचि जागेगी।
* परीक्षा में पास होने के लिए विद्यार्थियों को अपने कमरे में देवी सरस्वती की फोटो लगानी चाहिए। तथा सोते समय विद्यार्थियों को दक्षिण की दिशा की ओर मुह करके नहीं सोना चाहिए। अष्ट सरस्वती यंत्र पहनने से विद्यार्थी की बुद्धि तेज होती है।
* माघ मास की कृष्णपक्ष अष्टमी के दिन को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में अर्द्धरात्रि के समय रक्त चन्दन से अनार की कलम से “ॐ ह्वीं´´ को भोजपत्र पर लिख कर नित्य पूजा करने से अपार विद्या, बुद्धि की प्राप्ति होती है।
* पड़ने का सर्वोतम समय ब्रह्म मुहूर्त अर्थात सुबह के 4 बजे का माना गया है उस काल में पड़ाई करते समय हमें कई गुना ज्यादा और तेजी से अपना पाठ याद होता है इसलिए पड़ने वाले छात्रों को सुबह सवेरे पड़ाई की आदत अवश्य ही डालनी चाहिए।