सूर्य के इस रूप को ध्यान में रखकर करें पूजा तो मिलेगी सफलता।
By: Priyanka Maheshwari Sun, 09 July 2017 08:36:53
सूर्य ग्रहों में राजा है। ये कश्यप गौत्र के तथा क्षत्रिय है। ये कलिंग देश के स्वामी है। जपाकुसुम के समान इनका रक्तवर्ण है। दोनों हाथों में कमल लिए हुए हैं। सिंदूर के समान वस्त्र, आभूषण और माला धारण किए हुए हैं। ये जगमगाते हुए हीरे के समान चंद्रमा और अग्नि को प्रकाशित करने वाले तेज तथा तीनों लोको के अंधकार को दूर करने वाले प्रकाश से संपन्न हैं।
7 घोड़ों के एक चक्र रथ पर अरुण होकर सुमेरु की प्रदक्षिणा करते हुए, प्रकाश के समुंद्र भगवान सूर्य का ध्यान करना चाहिए। इनकी अधिदेवता शिव है और प्रत्याधिदेवता अग्नि है। इनका बीज मंत्र है।
" ॐघृणिसूर्यायनमः। "
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