यंत्र से बनते हैं बिगड़े काम

By: Kratika Sun, 13 Aug 2017 2:34:22

यंत्र से बनते हैं बिगड़े काम

यंत्र शब्द यम धातु से बना है। यंत्र रहस्यमय शक्तियों का भण्डार होता है। देवी भागवत मे कहा गया है कि वांछित प्रतिमा के अभाव में यंत्र को इष्टदेव की तरह पूजना चाहिए।

शास्त्रकारों ने कहा है कि यंत्र के पूजा किए बिना देवता प्रसन्न नहीं होते। यंत्र, मंत्र रूप है।यंत्र देवताओं का विग्रह है। जिस प्रकार शरीर और आत्मा में कोई भेद नहीं होता है। उसी प्रकार यंत्र और देवता में भी कोई भेद नहीं होता।

यंत्र सब सिद्धियों का द्वार है और देवताओं का आवास ग्रह है जिसमें अपने स्थान, दिशा, मण्डल कोण आदि के अधिपति व्यवस्थित रूप से आहवाहित होकर विराजते हैं। यंत्र, मंत्र का रचनात्मक शरीर है जिसमें अनुष्ठेय कर्म काण्ड की सम्पूर्ण प्रक्रिया सूक्ष्म रूप से ठीक उसी प्रकार से छिपी होती है जिस प्रकार से नक्शे में भवन व बीज में वृक्ष छिपा रहता है। कुछ ऐसे यंत्र भी होते हैं जिसके दर्शन मात्र से व्यक्ति अभीष्ट मनोरथ को पा लेता है। श्रीयंत्र, गायत्री यंत्र, स्वर्णकर्षक और भैरव यंत्र ऐसे ही यंत्रों की श्रेणी में आते हैं। संक्षेप में यही कहा जा सकता है कि मंत्र की तरह यंत्र भी अनन्त शक्तियों का भण्डार होता है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com