ब्रिक्स ने दिया 6 नए देशों को सदस्य बनने का न्यौता, अगले साल मिलेगी स्थायी सदस्यता

By: Shilpa Thu, 24 Aug 2023 3:08:19

ब्रिक्स ने दिया 6 नए देशों को सदस्य बनने का न्यौता, अगले साल मिलेगी स्थायी सदस्यता

नई दिल्ली। साउथ अफ्रीका में 15वीं ब्रिक्स समिट के आखिरी दिन संगठन में जुड़ने के लिए 6 और देशों को न्योता दिया गया। इनमें अर्जेंटीना, सऊदी अरब, UAE, मिस्र, इथियोपिया और ईरान शामिल हैं। ये 1 जनवरी 2024 से BRICS के परमानेंट सदस्य बन जाएंगे। साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने बताया कि पहले फेज की बैठक में इन देशों को संगठन का मेंबर बनने का आमंत्रण दिया गया है।

जिन देशों को ब्रिक्स का न्योता मिला है, उन्हें PM मोदी ने बधाई दी। उन्होंने कहा- भारत ने ब्रिक्स में विस्तार का हमेशा समर्थन किया। इन सभी देशों से हमारे गहरे और ऐतिहासिक रिश्ते हैं। मुझे खुशी है कि 3 दिन की बैठक में कई सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।

PM मोदी ने पश्चिमी देशों के दबदबे वाले संगठनों का नाम लिए बगैर कहा- ब्रिक्स का विस्तार ये जाहिर करता है कि दुनिया के बड़े संगठनों को समय के साथ बदलना चाहिए। वहीं, जो भी देश पहले फेज में इस संगठन से नहीं जुड़ पाए हैं, उनको इसकी सदस्यता दिलाने के लिए भारत अपना योगदान देगा।

मुझे खुशी है कि हमारी टीमों ने विस्तार के लिए तैयार किए गए मार्गदर्शक सिद्धांतों, मानकों, मानदंडों और प्रक्रियाओं पर आम सहमति बनाई है।इनके आधार पर हम ब्रिक्स में अर्जेंटीना, मिस्र, ईरान, सऊदी अरब, इथियोपिया और यूएई का स्वागत करने पर सहमत हुए हैं।मैं इन देशों के नेताओं और नागरिकों को बधाई देता हूं।

जिनपिंग बोले- संगठन में नए सदस्यों का जुड़ना ऐतिहासिक

वहीं चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा- ब्रिक्स के सभी देश बड़ी अहमियत रखते हैं। संगठन में नए सदस्यों का जुड़ना ऐतिहासिक है। ये ब्रिक्स के लिए नई शुरुआत है। हमारे इस संगठन का भविष्य उज्ज्वल है। मुझे पूरा भरोसा है कि जब तक हम एक मकसद से आगे बढ़ेंगे तो हम बेहतर काम कर पाएंगे।

संगठन की करेंसी पर अगले साल होगी चर्चा

सिरिल रामाफोसा ने बताया है कि डॉलर को चुनौती देने के लिए संगठन की करेंसी पर सभी देशों के रिजर्व बैंक और फाइनेंस मिनिस्टर्स से बात करने को कहा गया। इसे लेकर अगले साल बातचीत की जाएगी। संगठन के सदस्यों ने बातचीत के बाद विभिन्न मुद्दों को लेकर जोहान्सबर्ग डिक्लेरेशन एडॉप्ट किया है।

रामाफोसा ने कहा- हमने ब्रिक्स की स्थापना के 10 साल पूरे होने का जश्न मनाया है। हमने ग्लोबल साउथ की समस्याओं पर चर्चा की। दुनिया में चल रहे अलग-अलग संघर्षों पर बात की है। हम सभी संघर्षों का बातचीत से समाधान निकालने पर जोर देते हैं। वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने BRICS के लिए कॉमन करेंसी होने की बात कही है।

चंद्रयान पर पूरी दुनिया से मिली बधाई

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- मून मिशन पर हमें बधाईयां मिल रही हैं। इसे किसी एक देश की सफलता नहीं, बल्कि मानवता की सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। भारत के वैज्ञानिकों को पूरी दुनिया से बधाई मिल रही है। चंद्रयान-3 की साउथ पोल पर लैंडिंग सिर्फ भारत नहीं बल्कि दुनिया के वैज्ञानिकों के लिए बड़ी सफलता है।

जोहान्सबर्ग में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर PM मोदी ने कहा यह हमारे लिए गर्व की बात है कि इस सफलता को एक देश की सीमित सफलता के रूप में नहीं बल्कि मानवजाति की महत्वपूर्ण सफलता के रूप में स्वीकार किया जा रहा है।

मुझे खुशी है कि हमारी टीमों ने विस्तार के लिए तैयार किए गए मार्गदर्शक सिद्धांतों, मानकों, मानदंडों और प्रक्रियाओं पर आम सहमति बनाई है।इनके आधार पर हम ब्रिक्स में अर्जेंटीना, मिस्र, ईरान, सऊदी अरब, इथियोपिया और यूएई का स्वागत करने पर सहमत हुए हैं।मैं इन देशों के नेताओं और नागरिकों को बधाई देता हूं।

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