वायरल संक्रमण से फैलता है जापानी बुखार, ये होते हैं लक्षण और बचाव के लिए करें ऐसा...
By: Nupur Rawat Thu, 27 May 2021 1:29:33
बरसात के दिनों में मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियां तेज़ी से फैलती हैं। इनमें डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और ज़ीका वायरस प्रमुख हैं। जबकि इस मौसम में जापानी बुखार भी दस्तक देता है। जापानी बुखार फ्लेविवायरस से संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है। यह एक संक्रमण बुखार है, जिसमें मरीज को तेज बुखार आता है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार, आम तौर पर जापानी बुखार ग्रामीण इलाकों में अधिक होता है जहां चावल की खेती अधिक होती है। ऐसा माना जाता है कि फ्लेविवायरस चावल के खेतों में पनपते हैं।
इन्सेफ़ेलाइटिस को ही आम बोलचाल में जापानी बुखार कहा जाता है। वर्ष 1924 में जापान में एक अलग तरह के बुखार का पहला मामला सामने आया था जो धीरे-धीरे चीन तक पहुंच गया। यह एक प्रकार का दिमाग़ी बुखार है, जो वायरल संक्रमण के कारण होता है। जापान में पहली बार डायग्नोस होने के चलते इसे जापानी बुखार कहा जाने लगा। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन की रिपोर्ट के मुताबिक़ कई सालों तक जापान और चीन में कहर बरपाने के बाद 1960 के दशक में इन दोनों देशों में इस बुखार पर काबू पा लिया गया। लेकिन 70 के दशक से यह बुखार दक्षिण-पूर्वी एशिया में तेज़ी से फैलने लगा।
- यह एक दिमाग़ी बुखार है, जो वायरल संक्रमण से फैलता है।
- इसके वायरस मुख्य रूप से गंदगी में पनपते हैं। मच्छर और सुअर द्वारा फैलते हैं।
- वायरस जैसे ही शरीर में आते हैं, वे दिमाग़ की ओर चले जाते हैं।
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बुखार के दिमाग़ में जाने के बाद व्यक्ति की सोचने, समझने, देखने की
क्षमता कम होने लग जाती है और संक्रमण बढ़ने के साथ ख़त्म हो जाती है।
- आम तौर पर 1 से 14 साल के बच्चे और 65 वर्ष से ऊपर के बुज़ुर्ग इसकी चपेट में आते हैं।
- उत्तर प्रदेश के पूर्वी ज़िलों में अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में इसके सबसे अधिक मामले देखे जाते हैं।
जापानी बुखार के लक्षण
बुखार,
सिरदर्द, गर्दन में जकड़न, कमज़ोरी और उल्टी इस बुखार के शुरुआती लक्षण
हैं। समय के साथ सिरदर्द में बढ़ोतरी होने लगती है और हमेशा सुस्ती छाई
रहती है। यदि निम्न लक्षण दिखें तो नज़रअंदाज़ न करें।
- तेज़ बुखार, सिरदर्द, अतिसंवेदनशील होना और लकवा मारना।
- कई लोग तो संक्रमण की तीव्रता बढ़ने के साथ कोमा तक में चले जाते हैं।
- भूख कम लगना भी इसका प्रमुख लक्षण है।
- यदि बच्चे को उल्टी और बुखार हो। वे खाना न खा रहे हों और बहुत देर तक रो रहे हों तो डॉक्टर के पास ले जाएं।
- जापानी बुखार में लोग भ्रम का भी शिकार हो जाते हैं। पागलपन के दौरे तक पड़ते हैं।
यूं करें बचाव
क़रीब 90 साल पुरानी इस जानलेवा बीमारी के लिए कोई ऐंटी वायरल ड्रग उपलब्ध नहीं है। इससे बचाव के लिए आप ये सावधानियां बरतें।
- साफ़-सफ़ाई रखें। कोशिश करें आपके घर के आसपास गंदगी न होने पाए। ख़ासकर बरसात के मौसम में।
- समय से बच्चों का टीकाकरण कराएं।
- गंदे पानी के संपर्क में न आएं।
- बरसात के मौसम में खानपान के प्रति सचेत रहें।
- स्वच्छ पानी पिएं।
- मच्छरों से बचाव के लिए करें उचित इंतज़ाम। घर के आसपास पानी न जमा होने दें।