दुनिया पर मंडरा रहा महायुद्ध का खतरा, एलन मस्क बोले—2030 तक परमाणु टकराव की पूरी आशंका

दुनिया तेजी से अशांत होती जा रही है, और इसी बीच टेस्ला व स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने एक ऐसा बयान दिया है जिसने अंतरराष्ट्रीय हलकों में सनसनी मचा दी है। मस्क ने संकेत दिया है कि आने वाले वर्षों में मानवता एक बड़े वैश्विक संघर्ष की ओर बढ़ रही है, और यह संघर्ष परमाणु युद्ध का रूप भी ले सकता है। उन्होंने यह टिप्पणी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के जवाब में की।

मूल पोस्ट में यूजर हंटर ऐश ने कहा था कि परमाणु हथियारों की वजह से बड़ी शक्तियों के बीच प्रत्यक्ष युद्ध की संभावना लगभग खत्म हो चुकी है। उनका तर्क था कि अब सरकारों पर कोई बाहरी दबाव नहीं बचा, क्योंकि राष्ट्र एक-दूसरे पर सीधे हमला करने की स्थिति में नहीं हैं—इस कारण शासकों में दक्षता और जवाबदेही दोनों कम होती जा रही है।

इस टिप्पणी पर मस्क ने बेहद संक्षिप्त, लेकिन चौंकाने वाला उत्तर दिया— “युद्ध होगा। 2030 तक। पाँच साल, अधिकतम दस साल।”
यही एक पंक्ति वैश्विक बहस का केंद्र बन गई। न उन्होंने किसी देश का नाम लिया, न परिदृश्य समझाया। बस युद्ध होने की निश्चितता पर जोर दिया। इस छोटे से बयान ने विश्लेषकों से लेकर आम लोगों तक, हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर मस्क किस संभावित संघर्ष की ओर इशारा कर रहे हैं।

हालांकि मस्क की नवीनतम टिप्पणी अस्पष्ट है, लेकिन अगर उनके पुराने वक्तव्यों को एक साथ रखकर देखा जाए तो तस्वीर कुछ हद तक स्पष्ट होती है। वे कई बार दुनिया भर में बढ़ते तनाव, भू-राजनीतिक टकराव और परमाणु खतरे को लेकर चिंता जता चुके हैं। खासकर परमाणु युद्ध का उल्लेख विशेष रूप से भयावह है, क्योंकि इससे यह संकेत मिलता है कि मस्क को लगता है कि दशकों से शांति बनाए रखने वाली MAD (Mutually Assured Destruction) की अवधारणा अब टिकाऊ नहीं रही।

सबसे बड़ा सवाल यह है—क्या मस्क केवल अपनी भविष्यवाणी साझा कर रहे हैं, या वे किसी ऐसे वैश्विक जोखिम के बारे में जानते हैं जिसके संकेत आम जनता के सामने स्पष्ट नहीं हैं?

मस्क के इस बयान के बाद कुछ उपयोगकर्ताओं ने X पर ही उनके AI चैटबॉट Grok से इस टिप्पणी की व्याख्या मांगी। Grok ने अपने उत्तर में बताया कि मस्क पहले भी चेतावनी दे चुके हैं कि यूरोप और ब्रिटेन में तेज़ी से बढ़ते प्रवासन, सामाजिक ध्रुवीकरण और पहचान की राजनीति से गृहयुद्ध जैसी स्थिति बन सकती है,

ताइवान को लेकर अमेरिका–चीन का टकराव सीधे युद्ध का कारण बन सकता है और यूक्रेन संकट धीरे-धीरे दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध की ओर धकेल सकता है।

यानी कुल मिलाकर, दुनियाभर में बढ़ती शक्ति-प्रतिस्पर्धा, आंतरिक अस्थिरता और परमाणु हथियारों का फैलाव—सब मिलकर एक ऐसा माहौल बना रहे हैं, जिसे मस्क आने वाली वैश्विक आपदा का संकेत मानते हैं।