मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के आमगांव बड़ा में बरसात होते ही बड़ी संख्या में दुर्लभ प्रजाति के पीले रंग के मेढक देखे गए। इतनी भारी तादाद में गहरे पीले रंग के मेढक देखकर आम लोगों में इनके ज़हरीले होने की आशंका हुई और लोग इनसे डरकर दूर भागने लगे। इन्हें मारने का प्रयास भी किया जाने लगा।
पर्यावरणविद आलोक तिवारी का कहना है कि जानकारी के अभाव में लोग इस दुर्लभ प्रजाति के मेढक को जहरीला समझते हैं जिसकी वजह से इनको नुकसान पहुँचाने का प्रयास करते है जबकि यह दुर्लभ प्रजाति भारत में पाया जाने वाला इंडियन बुल फ्रॉग है जो प्रजनन काल में अपना रंग बदल कर गहरा पीला कर लेता हैं। इस वजह से लोग इसे जहरीला समझते हैं जबकि यह मेढक क़तई ज़हरीले नहीं होते हैं।
आलोक तिवारी ने बताया कि दुर्लभ प्रजाति का यह इंडियन बुल फ्रॉग किसानों के लिए भी लाभदायक है और ईको फ़्रेंडली भी है। हमें इससे डरने की आवश्यकता नहीं है बल्कि इस प्रजाति को सहेजने की ज़रूरत है। आलोक तिवारी ने इस बारे में और जानकारी देते हुए कहा कि जानकारी के अभाव और अज्ञानता के चलते लोग प्रकृति के ऐसे दोस्तों को नुक़सान पहुंचाने लगते हैं जो प्रकृति के लिए और हमारे लिए लाभदायक हैं। हमें ज़रूरत है कि बुल फ्रॉग जैसे दुर्लभ जीवों से डरें नहीं बल्कि इनका प्रकृति के लिए लाभ और जानकारी लोगों तक पहुंचाएं।