सावन में इस खंडित शिवलिंग की पूजा का मिलता है मनवांछित फल, औरंगजेब की सेना ने की थी चढ़ाई

आपने अक्सर सुना होगा कि किसी भी खंडित प्रतिमा या शिवलिंग की पूजा नहीं की जाती हैं, जो कि शास्त्रों के हिसाब से सही बात हैं। लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि कौशाम्बी के महाकालेश्वर Mahakaleshwar Shiv Temple मठ स्थित शिव मंदिर में खंडित शिवलिंग की पूजा की जाती है और इसे अशुभ नहीं माना जाता है बल्कि सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करने के लिए जाना जाता हैं। सावन के दिनों में तो यहाँ पर भक्तों का हुजूम लग जाता हैं। तो आइये आज जानते हैं इस मंदिर के बारे में।

कौशाम्बी के महाकालेश्वर मठ स्थित खंडित शिवलिंग का मंदिर में आज भी खंडित शिव लिंग मौजूद है। ऐसी मान्यता है कि इस शिवलिंग को पूजा करने वाले भक्तों मनचाहा फल मिलता है। सावन के महीने में खंडित शिव लिंग की विशेष पूजा करने वालों को विशेष फल मिलता है। सावन महीने के सोमवार को इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। भक्त अपने आराध्य देव भगवान शिव की विशेष पूजा करते है।

लोगों की माने तो इस शिव लिंग को महाभारत काल में पांडू पुत्रों ने अज्ञात वास के दौरान किया था।

कालांतर में औरंगजेब ने मंदिर पर चढाई करके शिव लिंग को खंडित किया था। उसी समय खंडित शिव लिंग के अन्दर से हजारों की संख्या में बर्रे निकली थी। वही बर्रे औरंगजेब की सेना पर कहर बनकर टूट पड़ी थी। बर्रे के हमले से काफी सेना वही मर गई थी, जो सेना बची थी वह मैदान छोड़ कर भाग निकली थी। खंडित शिवलिंग की पूजा के बारे में लोगों का कहना है जिससे आस्था जुडी हो उसमें दोष नहीं देखा जाता है।