हमारे देश भारत में वृक्षों और पौधों को जहां पर्यावरण के लिहाज से बहुत उचित माना जाता हैं, वहीँ भारतीय संस्कृति में आध्यात्मिक रूप से भी इनका बड़ा महत्व माना जाता हैं। हिंदू परंपरा में बरगद का पेड़ जो कि दीर्घजीवी और विशाल वृक्ष होता हैं वह बहुत ही पूज्यनीय माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक विशालकाय बरगद का पेड़ हैं जो कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। इस पेड़ को 'द ग्रेट बनियन ट्री' के नाम से जाना जाता है। यह पेड़ 250 साल से भी ज्यादा पुराना है।
यह विशालकाय बरगद का पेड़ कोलकाता के आचार्य जगदीश चंद्र बोस बॉटनिकल गार्डेन में है। 1787 में इस पेड़ को यहां स्थापित किया गया था। उस समय इसकी उम्र करीब 20 साल थी। इस पेड़ की इतनी जड़ें और शाखाएं हैं कि इससे एक पूरा का पूरा जंगल ही बस गया है। इसे देखकर यह अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है कि यह सिर्फ एक ही पेड़ है।
14,500 वर्ग मीटर में फैला यह पेड़ करीब 24 मीटर ऊंचा है। इसकी 3000 से अधिक जटाएं हैं, जो अब जड़ों में तब्दील हो चुकी हैं। इस वजह से इसे दुनिया का सबसे चौड़ा पेड़ या 'वॉकिंग ट्री' भी कहा जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस एक पेड़ पर पक्षियों की 80 से ज्यादा प्रजातियां निवास करती हैं।
वर्ष 1884 और 1925 में कोलकाता में आए चक्रवाती तूफानों ने इस विशालकाय पेड़ को काफी नुकसान पहुंचाया था। इसकी वजह से कई शाखाओं में फफूंद लग गई थी, इसलिए उन्हें काटना पड़ा था। इसके बावजूद यह पेड़ दुनिया के सबसे विशालकाय वृक्ष के तौर पर प्रसिद्ध है।
साल 1987 में भारत सरकार ने इस विशालकाय बरगद के सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया था। इसे बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया का प्रतीक चिह्न भी माना जाता है। इस पेड़ की देखरेख 13 लोगों की एक टीम करती है, जिसमें बॉटनिस्ट (वनस्पति वैज्ञानिक) से लेकर माली तक सब हैं। समय-समय पर इसकी जांच की जाती है, ताकि इसे कोई नुकसान न पहुंचे।