इस दुनिया में किसी भी इंसान के साथ कभी भी कोई भी हादसा हो सकता हैं। एक गलती किसी भी बड़े हादसे को अंजाम दे सकती हैं। ऐसा ही कुछ हुआ मैरी मैकार्डी के साथ जिन्होनें एक बार बीमार पड़ने के बाद उन्होंने अपनी आवाज ही खो दी। मैरी ने बताया, एक दिन सुबह जब मैं उठी तो मुझे सर्दी-जुकाम था। एक-दो दिन में जांच के बाद पता चला कि मुझे ब्रोंकाइटिस है। एक सप्ताह तक गले में खराश रही और तेज बुखार भी रहा। इसके बाद बुखार ठीक हुआ और फेफड़ों का संक्रमण भी खत्म हुआ और तबीयत सुधरने लगी।
उसके बाद वह 12 साल तक गूंगी बनी रहीं। एक दिन उन्हें अचानक पता चला कि उनके गले में तीन पेंस का सिक्का फंसा है। यह घटना 1970 की है, जब मैरी 12 साल की थीं। ब्रिटेन में जन्मी मैरी अपने परिवार के साथ ऑस्ट्रेलिया आ गईं। वह धीरे-धीरे वहां की भाषा सीखने लगीं और एक नई जिंदगी शुरू करने लगीं। लेकिन, एक महीने में ही उनकी पूरी दुनिया बदल गई। ध्यान देने वाली बात ये है कि लगभग छह सप्ताह बाद भी गले से आवाज नहीं निकली। धीरे-धीरे मैरी ने यह मान लिया कि अब वो कभी नहीं बोल पाएंगी। धीरे-धीरे मैरी अवसाद का शिकार हो गईं। वो न ही रो सकती थीं और न ही किसी बात पर अपना गुस्सा जाहिर कर सकती थीं।उन्होंने कहा कि आवाज जाने की वजह से मैं बिल्कुल अकेली हो गई और 14 साल की उम्र में मैंने आत्महत्या कि भी कोशिश की। उसके बाद उन्हें मानसिक रोगियों के अस्पताल भेज दिया गया। जब वह 25 साल की थीं, तब एक दिन उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई। उन्हें खांसी आने लगी और उनके मुंह से खून आने लगा। तब उन्हें पता चला कि उनके गले में कुछ फंसा है। डॉक्टर ने देखा कि मैरी के गले में एक बलगम का टुकड़ा जैसा कुछ फंसा है। जब डॉक्टरों ने उसे बाहर निकाला, तो देखा कि वो बलगम नहीं बल्कि तीन पेंस का सिक्का था। मैरी के गले में यह सिक्का 1960 से फंसा हुआ था, लेकिन उन्हें बिल्कुल भी पता नहीं कि ये सिक्का उनके गले में कैसे फंसा था। गले से सिक्का निकलते ही मैरी की आवाज वापस आ गई।