आखिर जंगल का राजा शेर झुंड में ही क्यों नजर आता हैं? जानें रोचक जानकारी

आपने कई बार यह डायलॉग सुना होगा कि झुड में थो कुत्ते आते हैं लेकिन शेर हमेशा अकेला ही आता हैं। लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई हैं क्योंकि जंगल का राजा शेर अधिकतर झुंड में ही नजर आता हैं। आज इस कड़ी में हम शेर से जुड़ी रोचक जानकारी लेकर आए हैं जो आपको हैरानी में डाल देगी। कुछ साल पहले ब्रिटेन की डरहम यूनिवर्सिटी के डॉक्टर रॉस बारनेट ने दुनियाभर के म्यूजियम में रखे विभिन्न प्रजातियों के शेरों के जीवाश्म का अध्ययन किया था, जिसके मुताबिक आधुनिक शेरों का इतिहास करीब 1,24,000 साल पुराना है।

वैसे तो शेर बिल्ली प्रजाति का एक खतरनाक जानवर है, लेकिन बिल्लियों की कुछ ही प्रजातियां दहाड़ सकती हैं। इनमें शेर से लेकर बाघ और जैगुआर शामिल हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इन जानवरों का गला ही ऐसा होता है कि वो दहाड़ सकते हैं। वैसे तो शेरों की दहाड़ बहुत ही तेज और खतरनाक होती है, लेकिन इस बात का पता आज तक नहीं चल सका है कि वो इतनी तेज क्यों दहाड़ते हैं?

शेरों के लंबे बालों का रहस्य बड़ा ही गहरा है। माना जाता है कि नर शेर अपने बालों का इस्तेमाल शेरनियों को रिझाने के लिए करते हैं। शेरनियां उनके लंबे बालों को देखकर ही उनके प्रति आकर्षित होती हैं। हालांकि कुछ लोगों का यह भी मानना है कि ये बाल नर शेरों को लड़ने भिड़ने में घायल होने से बचाते हैं, लेकिन वैज्ञानिकों को इसके पक्के सबूत आज तक नहीं मिल पाए हैं।

शेरों की कुछ प्रजातियां बेहद ही रहस्यमय होती हैं, जिसमें बारबरी शेरों को सबसे ज्यादा रहस्यमय माना जाता है। इनका सिर, बाल और आकार बाकी शेरों की अपेक्षा काफी अलग होता है। शेरों की इस प्रजाति को आज विलुप्त माना जाता है। 1960 के दशक में इन्हें आखिरी बार मोरक्को और अल्जीरिया में देखा गया था।

शेर हमेशा झुंड में क्यों रहते हैं, इसको लेकर कई तरह की बातें कही जाती हैं। माना जाता है कि मादा शेर शिकार के उद्देश्य से समूह में रहना पसंद करती है, लेकिन इसके कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि शेर अपने इलाके को सुरक्षित रखने के लिए समूह में रहते हैं। उनका मानना होता है कि जितना बड़ा उनका समूह होगा, उतने ही बड़े इलाके पर उनका कब्जा होगा।