वर्तमान समय में देखा जा रहा हैं कि अधिकतर शौचालयों में वेस्टर्न टॉयलेट ही इस्तेमाल किए जा रहे हैं। गाँव में वेस्टर्न टॉयलेट को अंग्रेजी टॉयलेट के नाम से भी जाना जाता हैं। आपने भी कभी ना कभी वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल तो किया ही होगा। लेकिन क्या आपने कभी एक बात नोटिस की है कि वेस्टर्न टॉयलेट के फ्लश में दो बटन होते हैं जिसमें एक छोटा होता है और दूसरा बड़ा। तो इसके पीछे का कारण क्या हैं। आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताने जा रहे हैं जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी। आइये जानते हैं इसके बारे में।
अमेरिका के औद्योगिक डिजाइनर विक्टर पापानेक ने टॉयलेट में ड्यूल फ्लश यानी दो बटन वाले फ्लश का आइडिया दिया था। शुरुआत में इसे छोटे स्तर पर टेस्ट किया गया था। इसके सफल होने पर इसे दुनियाभर में इस्तेमाल किया जाने लगा।
दरअसल, दुनिया आज पानी की भयंकर समस्या से जूझ रही है। पानी को बचाने के लिए तमाम तरह के उपाय किए जाते हैं। वेस्टर्न टॉयलेट में ड्यूल फ्लश यानी दो बटन वाले फ्लश का इस्तेमाल भी पानी बचाने के लिए ही किया जाता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि वेस्टर्न टॉयलेट के फ्लश में बड़ा बटन सॉलिड वेस्ट रिमूवल के लिए होता है, जिसे दबाने से 6 लीटर से 9 लीटर पानी बहता है, जबकि छोटे वाले बटन को दबाने से बहने वाले पानी की मात्रा तीन से चार लीटर ही होती है।