मनुष्य पर किया गया था यह भयानक प्रयोग, जानकर ही रूह कांप उठेगी

समय के साथ विज्ञान ने भी बहुत तरक्की की हैं और इसके लिए विज्ञान द्वारा कई प्रयोगों को अंजाम दिया गया हैं। इन प्रयोगों के परिणाम पर ही खोज की सफलता निर्भर करती हैं। लेकिन कई प्रयोग ऐसे भी हुए हैं जो अपनी भयावहता के चलते भी प्रसिद्द हुए हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही एक प्रयोग के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें इंसानों के साथ कुछ ऐसे प्रयोग किए गए जिसके नतीजे डराने वाले थे और इसकी सच्चाई जानकर आपकी रूह कांप उठेगी। तो आइये जानते है इस प्रयोग से जुड़ी पूरी जानकारी के बारे में।

दुनिया में कई भयानक प्रयोग हुए जिनमे प्रोजेक्ट QKHILLTOP शामिल है उसी में नंबर आता है रशियन आर्मी द्वारा किये गए प्रयोग 'स्लीप एक्सपेरिमेंट', 'स्लीप एक्सपेरिमेंट' को सन 1940 में शुरू किया गया था। रशियन आर्मी को यह प्रयोग तब सुझा जब उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी के कुछ सैनिको को अपने कब्जे में ले लिया था। वही सन 1940 में यह जानना चाहते थे की क्या कोई मनुष्य बिना सोये कितने दिनों तक जिंदा रह सकता है।

रूस के वैज्ञानिकों ने यह प्रयोग जर्मनी के उन सैनिको पर करना शुरू किया। प्रयोग में क्या बदलाव हो रहे यह देखने के लिए वैज्ञानिकों ने शीशे का एक कमरा बनाया क्यूंकि उस समय सीसीटीवी कैमरे का जमाना नहीं था। फिर उस शीशे के बनाये कमरे में गैस छोड़ी गयी और सैनिको को बंद कर दिया गया। खबरों की माने तो 2 से 3 दिनों तक बाहर आने के लिए सैनिक चिल्लाते रहे, लेकिन कुछ दिनों बाद वो आवाजे बंद हो गयी। रूस के वैज्ञानिकों को ऐसा आभास हुआ की हो सकता है वो सभी मर गए होंगे लेकिन अंदर तो कुछ और ही चल रहा था।

जब उस चैम्बर को खोला गया तो जो वैज्ञानिकों ने देखा तो उनके होश उड़ गए। देखा की सब एक दूसरे के मांस खाना शुरू कर दिए थे और हाथों तथा पैरो में केवल हड्डियाँ ही बची थी। ये सभी उस गैस का दुष्प्रभाव था। लेकन उसके बावजूद इस प्रयोग को और कुछ दिनों के लिए जारी रखा गया। वह नज़ारा इतना भयानक था की सबके रोंगटे खड़े हो गए थे।