माँ बनने के बाद से ही महिला को हुई ये अनोखी बिमारी, दुनियाभर में केवल 40 लोग पीड़ित

आज दुनिया में मेडिकल साइंस ने बहुत तरक्की कर ली हैं। लेकिन अभी भी कई किस्से ऐसे आते हैं जो मेडिकल साइंस को सोचने पर मजबूर कर देते हैं। आज हम भी आपको एक ऐसी ही अनोखी बिमारी के बारे में बताने जा रहे हैं जो एक महिला को माँ बनने के बाद से ही हो गई हैं। हांलाकि प्रेगनेंसी के बाद कई तरह की स्वास्थ्य समस्या होना आम बात हैं लेकिन यह एक अनोखी तरह की एलर्जी है जिसके चलते माँ अपनी बच्ची को नहला भी नहीं पाती हैं। तो आइये जानते है इससे जुड़ी जानकारी के बारे में।

आपको हम जिस महिला के बारे में बताने जा रहे हैं उसे असल में पानी से एलर्जी हो गई है। दरअसल, कार्डिफ वेल्स की रहने वाली 26 वर्षीय चेरेल फारूगिया जब भी पानी के संपर्क में आती हैं तो उन्हें बेहद दर्दनाक खुजली होती है और उनके शरीर पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं। चेरेल के शरीर पर ये एलर्जी सबसे ज्यादा छाती, पीठ और हाथों के ऊपरी हिस्से में होती है।

चेरेल जब तक मां नहीं बनी थी उन्हें ऐसी कोई एलर्जी नहीं थी जब से उन्होंने अपनी बेटी को जन्म दिया उसके बाद से उन्हें ये एलर्जी होने लगी है। चेरेल को होने वाली एलर्जी को एक्वाजेनिक अर्टिकेरिया कहा जाता है। इस समस्या में किसी भी रूप में पानी के संपर्क में आने से स्किन पर खुजली होने लगती है और स्किन लाल पड़ जाती है।

चेरेल ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान बताया कि बेटी के जन्म के बाद से ही मुझे ये दर्दनाक समस्या हो गई। ये एलर्जी चेरेल को कांटे की तरह चुभती थी। इस एलर्जी के बाद चेरेल को दाने होने लगे।चेरेल के पेट, कंधे और पीठ के साथ ये एलर्जी उनके चेहरे को भी प्रभावित करती है। चेरेल बारिश में भी बाहर नहीं निकलती थीं। इस समस्या के कारण चेरेल को घबराहट रहने लगी थी और वे डिप्रेशन में आ गई थीं।

चेरेल ने कई डॉक्टरों को दिखाया, अपना साबुन बदला, तौलिए बदले। यहां तक कि अलग-अलग तापमान के पानी का इस्तेमाल भी किया। अंत में एक डॉक्टर ने चेरेल को बताया कि उन्हें एक्वाजेनिक अर्टिकेरिया है। इस स्थिति में चेरेल ना अपनी बच्ची को नहला सकती हैं और ना ही तैराकी करवा सकती थीं। अपनी बच्ची की देखभाल के लिए चेरेल ने अपने दोस्तों और परिवार वालों की मदद ली।

अब चेरेल इस समस्या पर किताब लिखने की ट्रेनिंग ले रही हैं और सलाहकार बनने की कोशिश कर रही हैं। आपको जानकर होगी एक्वाजेनिक अर्टिकेरिया नामक समस्या से दुनियाभर में तकरीबन 40 लोग पीड़ित हैं।