अनोखा गांव जहां हर घर पर किया जाता हैं सिर्फ काला रंग, कारण कर देगा हैरान

हर कोई अपने घर को सुंदर दिखाने के लिए घर की दीवारों पर आकर्षक रंग करवाता हैं। देखा जाता हैं कि लोग घर की दीवारों पर काला रंग नहीं करवाते हैं क्योंकि यह दिखने में उतना आकर्षक नहीं होता हैं और कई लोग इसे शुभ भी नहीं मानते हैं। लेकिन आज इस कड़ी में हम आपको एक ऐसे अनोखे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां हर घर पर काला रंग ही किया जाता हैं। हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में आदिवासी बाहुल्य गांव की जहां शहर में काले रंग से रंगे हुए मकान आसानी से नजर आते हैं। आदिवासी समाज के लोग आज भी अपने घरों की फर्श और दीवारों को काले रंग से रंगते हैं।

ग्रामीण घरों की दीवारों को काली मिट्टी से रंगते हैं। इसके लिए कुछ ग्रामीण पैरावट जलाकर काला रंग तैयार करते हैं, तो कुछ टायर जलाकर भी काला रंग बनाते हैं। बता दें कि पहले काली मिट्टी आसानी से उपलब्ध हो जाती थी, लेकिन काली मिट्टी नहीं मिलने की स्थिति में ऐसा किया जा रहा है।

अघरिया आदिवासी समाज के लोग एकरूपता दर्शाने के लिए घरों को काले रंग से रंगना शुरू कर दिया। यह रंग उस समय से इस्तेमाल किया जा रहा है, जब आदिवासी चकाचौंध से दूर थे। घरों को रंगने के लिए उस वक्त काली मिट्टी या छुई मिट्टी ही हुआ करती थी, और इससे रंगाई कर ली जाती थी। यहां काले रंग से एकरूपता बनी हुई है। इसके साथ ही काले रंग की एक विशेषता ये भी थी कि हर तरह के मौसम में काले रंग की मिट्टी की दीवार आरामदायक होती थी। आदिवासी दीवारों पर कई कलाकृतियां भी बनाते हैं। इसके लिए भी दीवारों पर काला रंग चढ़ाते हैं।