आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जहां प्रसाद के रूप में टॉफी-बिस्किट बिस्कुट के अलावा मांस और मदिरा का भी भोग लगाया जाता है। यह मंदिर है धर्म की नगरी काशी में। जी हां, यह बाबा बटुक भैरव का मंदिर है, जहां श्रद्धालु बटुक रूपी भगवान शिव को भोग के मांस-मदिरा के साथ टॉफी-बिस्किट का भी भोग लगाते है। आपको बता दे, इस मंदिर में महादेव एक साथ सात्विक, राजसी और तामसी तीनों रूपों में विराजते हैं। धर्म की नगरी काशी में शरद ऋतु के विशेष दिन में बाबा का त्रिगुणात्मक श्रृंगार किया जाता है।
सुबह बाल बटुक के रूप में शिव को टॉफ़ी-बिस्किट, फल के अलावा मांस और मदिरा का भोग लगाया जाता है।
दोपहर को राजसी रूप में महादेव को चावल, दाल, रोटी और सब्जी भोग में दिया जाता है।
शाम को बाबा की महाआरती के बाद महादेव को भैरव रूप में मटन करी, चिकन करी, मछली करी, आमलेट के साथ मदिरा का भोग लगाया जाता है। बाबा शाम को तामसी रूप में होते हैं। इसलिए तामसी चीजों का भोग लगाया जाता है। विशेष अनुष्ठान के लिये शराब (मदिरा) से खप्पड़ भरा जाता है और उन्हें मदिरा से स्नान कराया जाता है। हवन कुंड की अग्नि को स्वतः प्रज्वलित किया जाता है।
शिव के नगरी में बाल स्वरूप में विराजने वाले बाल बटुक भैरव की महिमा जग-जाहिर है। इनकी कृपा मात्र से मनुष्य के सारे दुख-दर्द दूर हो जाते है।