आपने देखा ही होगा कि लोग अपने घरो में कई तरह की मूर्ती रखते हैं जिसमें से कुछ जानवरों की भी होती हैं। कुछ शेर की तो कुछ घोड़ों की मूर्ती रखते हैं। लेकिन कुत्तों की मूर्ती शायद ही कहीं देखी होगी। तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति ने कुत्ते की 50 फुट ऊंची मूर्ती सोने की बनवाई हैं जिसके पीछे की वजह भी बेहद खास हैं। तुर्कमेनिस्तान की सत्ता पर काबिज गुरबांगुली बेर्दयमुखमेदोव ने यह मूर्ति राजधानी अश्गाबात के नए इलाके में बनवाई है।
साल 2007 से राज कर रहे गुरबांगुली बेर्दयमुखमेदोव ने पिछले साल इस कुत्ते की विशाल मूर्ति का अनावरण किया। बता दें कि बेर्दयमुखमेदोव अलबी प्रजाति के कुत्ते को काफी पसंद करते हैं। कुत्ते की यह प्रजाति देश में ही पैदा होती है और इसे तुर्कमेनिस्तान की राष्ट्रीय पहचान का हिस्सा माना जाता है।
इस कुत्ते की 50 फुट ऊंची मूर्ति पर 24 कैरेट सोने की परत चढ़ाई गई है। कुत्ते की यह मूर्ति अश्गाबात के जिस इलाके में बनाई गई है, वह सरकारी अधिकारियों के रहने के लिए बनाया गया है। इस इलाके में मार्बल से बनी कई इमारतें, स्कूल, खेल मैदान, सिनेमा हॉल, पार्क और दुकानें हैं।
इतना ही नहीं गुरबांगुली बेर्दयमुखमेदोव ने कुत्ते की इस प्रजाति को समर्पित करके कई किताबें और कविताएं लिखी हैं। इस कुत्ते को वो उपलब्धि और विजय का प्रतीक मानते हैं। बेर्दयमुखमेदोव ने तो एक बार इस प्रजाति के कुत्ते को रूस के राष्ट्रपति को गिफ्ट के रूप में दिया था।
एक ओर तुर्केमेनिस्तान के शासक ने कुत्ते की मूर्ति बनवाने के लिए इतना सारा पैसा खर्च कर दिया, तो वहीं दूसरी ओर देश की जनता गरीबी में जिंदगी गुजारने के लिए मजबूर है। भले ही देश की अर्थव्यवस्था तेल और प्राकृतिक गैस की वजह से तेजी से बढ़ रही है, लेकिन इसका फायदा सिर्फ अमीरों को हो रहा है।