Dussehra 2022 : जलाने की जगह यहां रावण को मारी जाती हैं पत्थरों से बनी गोलियां

दशहरा एक बड़ा पर्व हैं जो बुराई पर सच्चाई की जीत को दर्शाता हैं। हर साल इस दिन रावण का दहन किया जाता हैं। लेकिन देशभर में कई ऐसी जगहें हैं जहां रावण का पुतला नही जलाया जाता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको देश के एक ऐसे ही अनोखे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां रावण दहन की जगह उसे पत्थरों से बनी पुतले पर गोलियां बरसाई जाती हैं। कस्बेवासी तब तक रावण पर पत्थर बरसाते हैं, जब तक रावण का पुतला पूरी तरह जमींदोज नहीं हो जाता। यह घटनाक्रम लगभग डेढ़ से दो घंटे तक चलता है। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के राजसमंद जिले के चारभुजा स्थित प्रसिद्ध कृष्णधाम गढ़बोर की।

यहां सरगरा समाज के लोग 11 फीट का रावण तैयार करते हैं, जो पत्थरों को जोड़कर बनाया जाता है। यहां बनाए गए रावण के दस सिर नहीं, बल्कि तीन मटकियों का प्रयोग किया जाता है। दो मटकियां पेट पर तथा गले पर एक मटकी रखी जाती है। इन मटकियों में कुमकुम भरा रहता और रावण के पुतले को फूल मालाओं से सजाया जाता है।

चारभुजानाथ की शाम को होने वाली आरती के बाद भगवान राम की शोभायात्रा इसी मंदिर से निकाली जाती है और जवाहर सागर तालाब के किनारे मैदान में रावण का वध पत्थरों से किया जाने की परंपरा निभाई जाती है। जबकि उदयपुर संभाग में शामिल प्रतापगढ़ जिले के खेरोट गांव में गोलियों से रावण के पुतले को छलनी किया जाता है, वहीं इसी जिले के झांसड़ी गांव में मिट्टी से बनाए रावण के पुतले का दहन करने से पहले उसकी नाक काटने की परंपरा निभाई जाती है।