दो माह पहले 11 हजार वोल्ट का बिजली का करंट लगने के बाद राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले दिनेश परिहार का दिल शरीर से बाहर आ गया और उसे काफी नुकसान पहुंचा। लेकिन तीन बड़े ऑपरेशन के बाद हमदाबाद के डॉक्टरों ने उसे बचा लिया है। दिनेश का इलाज करने वाले डॉ विजय भाटिया का कहना है कि 7 सितंबर को दिनेश को गंभीर हालत में अहमदाबाद लाया गया। दिल सहित उसके शरीर के कई अंग झुलस गए थे। हिस्ट्री ली तो पता चला कि हाईटेंशन वायर से करंट लगा है। पहली बार करंट लगने से झटका लगा, जिससे वह जमीन पर गिर गया। जमीन नमी वाली थी। करंट वाली जगह पर ही बिजली का तार गिरने से दिनेश के सीने सहित कई जगहों पर गहरे जख्म हो गए थे। सीटी स्कैन में पता चला कि मरीज का सीना करंट की चपेट में आ गया था। करंट से सीने के ऊपर चमड़ी से लेकर स्नायु, नस, पसलियां और हार्ट की सुरक्षा करने वाली ऊपरी परत आदि जल गई थी। हार्ट को भी काफी नुकसान पहुंचा।
पहला ऑपरेशन 11 सितंबर को किया गया। इसमें हार्ट के ऊपर से जले हुए तमाम हिस्सों को हटाया। हमारे आंकलन के अनुसार क्षतिग्रस्त हिस्से दूर करने पर पूरा हार्ट ही नहीं फेफड़े का भी कुछ हिस्सा खुल गया। हार्ट भी डेमेज हुआ था लेकिन इसका इलाज हो सकता था। मरीज के शरीर के दाहिने हिस्से से स्वस्थ त्वचा-स्नायुओं का हिस्सा लेकर हार्ट को कवर किया। इसके बाद भी दो ऑपरेशन कर झुलसे अन्य हिस्सों को दुरुस्त किया गया। मरीज के हाथ की तीन अंगुलियां जल गईं थी जिनमें सड़ने की समस्या पेश आने पर सर्जरी की गई। 7 दिन आईसीयू में रखने के बाद बाहर लाया गया। डेढ़ महीने के इलाज के बाद दिनेश को छुट्टी दे दी गई। डॉ विजय भाटिया का कहना है कि दिनेश अब दौड़ भी लगा सकता है। उसे कार्डियक संबंधी समस्या भी नहीं होगी। यह मेडिकल साइंस में रेयरेस्ट ऑफ द रेयर श्रेणी का इलेक्ट्रिक बर्न का केस था।