Diwali 2022 : भारत के इस हिस्से में नहीं मनाया जाता हैं दिवाली का त्यौहार, जानें क्यों

दिवाली का त्यौहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता हैं और हर तरफ इसकी रौनक देखने को मिलती हैं। पूरा देश इस दिन जगमगाता हुआ रहता हैं और हर तरफ रोशनी ऐसी रहती हैं जैसे शादी के दिन दुल्हन सजती हैं। देशभर में यह त्यौहार जोश और उल्लास भर देता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश का एक हिस्सा ऐसा हैं जहां दिवाली का त्यौहार नहीं मनाया जाता हैं। हम बात कर रहे हैं केरल की। वैसे तो केरल में ओणम से लेकर क्रिसमय और शिवरात्रि का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाता है। केरल के कोच्चि में दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। इसके अलावा कहीं कोई दिवाली की रोनक नहीं होगी।

आपको बता दें कि इस स्थान पर न तो लक्ष्मी की पूजा की जाती है और न ही आतिशबाजी के साथ यह त्योहार मनाया जाता है। यहां दीपक भी नहीं जलाया जाता है। हम जिस स्थान की बात कर रहे हैं वो जगह केरलहै जहां यह त्योहार नहीं मनाया जाता है। इसका कारण जानकर आप हैरान रह जाएंगे। वैसे तो केरल में हर त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन वहां दिवाली नहीं मनाई जाती। हालांकि केरल में कोच्चि एकमात्र वो स्थान है जहाँ दिवाली मनाई जाती है।

दरअसल इसके पीछे कई कारण हैं। केरल पर महाबली का शासन था। महाबली एक असुर थे और यहां उनकी पूजा की जाती है। ऐसे में केरल के लोग राक्षस की हार का जश्न नहीं मनाते हैं और आप सभी जानते ही होंगे कि दिवाली मनाने का कारण रावण पर राम की जीत है। ऐसे में दिवाली को एक रक्षक की हार मान कर ये त्यौहार नहीं मनाया जाता। यहाँ दिवाली ना मानाने का एक और बड़ा कारण है और वो है कि केरल में हिंदू अल्पसंख्यक हैं और यही वजह है कि हिन्दुओं को अपना त्योहार मनाने की अनुमति नहीं है। तीसरा कारण यह है कि इस समय केरल में काफी बारिश हो रही है। जो आतिशबाजी और दीयों को जलने से रोकता है। हालांकि केरल के अलावा तमिलनाडु भी एक ऐसी जगह है जहां दिवाली नहीं मनाई जाती है। वहां लोग दिवाली की जगह नरक चतुर्दशी मनाते हैं।