लड़कियों को निहारने के लिए बनाई गई थी दुनिया की पहली दूरबीन

आज जब भी हम कहीं घूमने जाते हैं तो कुछ चीजें साथ लेकर जाते हैं जिसमें दूरबीन भी शामिल होती हैं ताकि दूर की खूबसूरती को भी निहारा जा सकें। आज दुनिया भर के वैज्ञानिक हाईटेक और मोस्ट एडवांस्ड दूरबीनों के जरिए ब्रह्मांड के रहस्य खोल रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की पहली दूरबीन लड़कियों को निहारने के लिए बनाई गई थी ना कि आसमान के तारों को देखने के लिए नहीं। जी हाँ, यह सुनकर आपको जरूर आश्चर्य हो सकता हैं, लेकिन यह बिलकुल सच हैं।

दूरबीन का आविष्कार करने वाला हालैंड का हैंस लिपर्शे नामक ऐनकसाज था। उसने इसका आविष्कार किसी खास मकसद या वैज्ञानिक अध्ययन के लिए नहीं किया था वरन यह एक आकस्मिक घटना थी। दरअसल वर्ष 1608 में एक दिन हैंस कांच के दो लैंसों की सहायता से सामने सड़क पर जा रही एक लड़की के खूबसूरत चेहरे को देखने की कोशिश कर रहा था।

संयोग से उसने दोनों लैंसों को एक दूसरे के समानांतर रखा और देखा कि लड़की का खूबसूरत चेहरा इतनी दूर से भी बिल्कुल स्पष्ट और बहुत सुंदर लग रहा था। इस घटना ने हैंस को बहुत प्रभावित किया और उसने अलग-अलग दूरी पर दो लैंसों को एडजस्ट करना सीख कर विश्व की पहली दूरबीन बनाई। हैंस ने बाद में इसका प्रयोग केवल अपने ग्राहकों को चमत्कार दिखाने के लिए किया करता था। अन्य प्रतिस्पर्धी रियाश जैन्सन के द्वारा दूरबीन के आविष्कार का दावा करने के कारण सरकार ने हैंस लिपर्शे को कभी भी दूरबीन के आविष्कार का श्रेय यानी पेटेंट नहीं दिया।