जब भी कभी किसी परिवार में कोई नया मेहमान आने वाला होता हैं तो उस परिवार की कई चीजों में बदलाव आता हैं, खासकर रहन-सहन और पहनावे में। क्योंकि देश में कई ऐसी अजीबोगरीब परंपराएं और रीति-रिवाज प्रचलित हैं जिनका अनुसरण करते हुए लोग अपने शरीर के साथ खिलवाड़ तक कर बैठते हैं। आज हम आपको विदेशों में अपनाई जाने वाली बच्चों के जन्म से जुड़ी कुछ अजीबो गरीब परम्पराओं के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।
* बच्चे के गुप्तांग को छेडऩाचीन के अलपसंख्यक समुदाय ‘मांचू’ में नवजात बच्चे के प्रति प्यार दिखाने का बड़ा ही अजीब तरीका है। यहां पर बच्चे के होने की खुशी को उसके गुप्तांग को स्पर्श करके किया जाता है। जहां लड़की के गुप्तांग में उंगली से गुदगुदी की जाती है वहीं लड़के के गुप्तांग को मुंह में लिया जाता है। इस कृत्य को सेक्सुअल नहीं माना जाता है जबकि इसी समुदाय में चुम्बन को भी सेक्सुअल एक्ट माना जाता है इसलिए मांचू माता-पिता कभी भी अपने बच्चे को चूमते नहीं है। ऐसी परम्परा थाइलैंड और जापान के भी कुछ समुदायों में पाई जाती है।
* गर्भवती महिला को हंसने-गुस्साने पर बैनचीन में गर्भवती महिला को हंसने और गुस्साने पर प्रतिबंध लगा है। चीनियों का मानना है कि इससे होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है। वहीं, मन में कुछ भी गलत सोचने से मना किया जाता है। इसके अलावा प्रेग्नेंट महिलाओं को लाइट कलर फूड खाने की अनुमति होती है। ये सब शादी के बाद घर में प्रवेश करने के साथ ही लागू हो जाता है। इसके अलावा प्रेग्नेंट महिलाओं को सोने के दौरान अपने बिस्तर के नीचे चाकू लेकर सोना पड़ता है।
* बर्फीले पानी से नहलानाग्वाटेमाला में बच्चों को गर्मी और दाग-धब्बों से बचाने के लिए उन्हें बर्फीले पानी से नहलाया जाता है। मयान माताएं अपने बच्चों के साथ ऐसा करती हैं। वे बताती हैं कि इससे बच्चे सही तरीके से सोना भी सीख जाते हैं।
* बच्चों की रेसिंगलिथुआनिया में बच्चों को रेसिंग का आयोजन किया जाता है। इस दौरान बच्चे एक-दूसरे के साथ लडऩे भी लगते हैं। वहीं, उनके माता-पिता खिलौना लेकर उन्हें अपने पास बुलाते हैं।
* बच्चों के जन्म के समय नहीं होता कोई साथनाइजीरिया में जब महिला बच्चे को जन्म देती है, उस दौरान उसके साथ में कोई नहीं होता है। आवश्यकता के सारे सामान उसके कमरे में पहुंचाकर घर के लोग बाहर आ जाते हैं। हालांकि, ये परंपरा नाइजीरिया के पिछड़े इलाकों में ही रह गई है।
* घर से दूर बच्चों को जन्म देती हैं महिलाएंपाकिस्तान में कलाश जनजाति की माताएं अपने घर और परिवार से दूर बच्चों को जन्म देती हैं। लोगों का मानना है कि बच्चों को जन्म देने के दौरान महिलाएं अशुद्ध होती हैं। इस कारण से उन्हें घर से दूर एक अन्य घर में भेज दिया जाता है, जिसे बस्लेनी कहा जाता है।
* ललाट पर रखते हैं वेडिंग केकआयरलैंड में पहले बच्चे के जन्म के बाद उसके ललाट पर वेडिंग केक काटने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि बच्चे के भविष्य के लिए यह बेहतर होता है।
* मां को खानी पड़ती है बच्चों की नालचीन, जमैका और भारत के कुछ पिछड़े इलाकों में बच्चों के जन्म के थोड़ी देर बाद ही महिला को उसके नाल को खाना पड़ता है। ऐसा कहा जाता है कि इससे बच्चों को जन्म देने वाली मां को भरपूर पोषक तत्व मिलता है। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि बच्चों को इससे फायदा होता है। हालांकि, वैज्ञानिक इसे गलत मानते हैं। उनका कहना है कि इससे कई प्रकार के इंफेक्शन होते हैं।
* बच्चों के चेहरे और कान में थूकनादुनिया के कुछ हिस्सों में जन्म के पश्चात बच्चों के ऊपर थूकना भी एक परंपरा है? नाइजीरिया और मॉरिटानिया में बच्चों के साथ ऐसा किया जाता है। बच्चे के जन्म के बाद लोग उसकी ऊंगली पर थूकते हैं और उस ऊंगली को उसके मुंह में डालते हैं। वहीं, कुछ जगहों पर महिलाएं बच्चों के चेहरे पर तो पुरुष उनके कानों में थूकते हैं।
* कब्रिस्तान में दफनाते हैं नाल कोइंडोनेशिया के बाली आइलैंड के रहने वाले बालिनीज लोगों का मानना है कि छोटे बच्चों का नाल उनके लिए किसी मसीहा से कम नहीं है। इस कारण से वे लोग नाल को कब्रिस्तान में दफनाते हैं। इसके अलावा जन्म के बाद 3 महीने तक बच्चे को जमीन नहीं छूने देते हैं। तीन महीने बाद एक समारोह के पश्चात बच्चों को जमीन स्पर्श कराया जाता है।