इस रहस्यमयी दुनिया में ऐसी कई घटनाएं घटित होती हैं जो अकल्पनीय होती हैं और उनसे जुड़े रहस्य काफी हैरान करने वाले होते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही रहस्यमयी गड्ढ़े के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे 'नर्क का द्वार' कहा जाता है और आज तक इस गड्ढ़े की गहराई कोई नहीं नाप सका हैं। हम बात कर रहे हैं चेक रिपब्लिक के होउसका कैसल की जहां जो सन् 1253 से लेकर 1278 के बीच बनाया गया था। दरअसल, इस घर को बनाने के पीछे यहां रहने वाले ग्रामीणों का मकसद था उस रहस्यमयी गड्ढे को ढक देना, जिसकी गहराई अनंत (अथाह) है, जिसे 'नर्क का द्वार' कहते हैं।
स्थानीय लोगों का मानना था कि सूर्यास्त के बाद इस रहस्यमयी गड्ढे से भयानक जीव निकलते थे। काले पंख वाले वो जीव आधे मानव थे और आधे जानवर, जो पूरे देश में घूमते थे। इस रहस्यमयी गड्ढे के बारे में कहा जाता है कि 13वीं सदी में एक कैदी के सामने ये शर्त रखी गई कि उसकी सजा माफ कर दी जाएगी, लेकिन उसे ये देखकर आना होगा कि इस गड्ढे की गहराई कितनी है। शर्त मानने के बाद उसे रस्सी द्वारा बांधकर उस अंधेरे गड्ढे के नीचे उतारा गया, लेकिन कुछ ही सेकेंड बाद उसके चीखने की आवाज आई। जब कैदी को बाहर निकाला गया तो वो लगभग बूढ़ा हो चुका था। उसकी उम्र सामान्य से कई साल बढ़ गई थी।
होउसका कैसल के अंदर काम करने वाले लोग अक्सर यह दावा करते हैं कि उन्हें इमारत की निचली मंजिल पर अजीबोगरीब आवाजें सुनाई देती हैं। कई बार यहां घूमने आने वाले लोगों ने भी चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुनी हैं। इस घर के मालिक का भी दावा है कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से इमारत के भीतर कुछ असाधारण गतिविधियां देखी है। एक बार वो अपने दोस्तों के साथ घर के अंदर ही पार्टी कर रहे थे, तभी उनके डिनर टेबल पर मौजूद ग्लास अचानक हवा में उड़ने लगे। ये देखकर सबके होश उड़ गए और वो तुरंत ही वहां से भाग निकले।