यूनिवर्सिटी ने तेज आवाज की वजह से निकाला शिक्षिका को नौकरी से! अब मिलेगा 1 करोड़ का मुआवज़ा

जब भी स्कूल या यूनिवर्सिटी में कोई टीचर पढ़ाता हैं तो उन्हें जरूरत के अनुसार अपनी आवाज ऊपर या नीचे करनी पड़ती हैं। लेकिन इसका एक हैरान करने वाला मामला सामने आया हैं जहां यूनिवर्सिटी ने एक शिक्षिका को सिर्फ इसलिए नौकरी से निकाल दिया कि उसकी आवाज तेज थी। मामला इंग्लैंड के एक्सेटर यूनिवर्सिटी से जुड़ा हैं। यह शिक्षिका हैं 59 साल की डॉक्टर एनेट प्लॉट जो पिछले 29 साल से यहां पढ़ा रही थीं और उन्हें अचानक नौकरी से निकाल दिया गया। इस मामले में उन्होंने कोर्ट जाकर यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ शिकायत कर दी। कोर्ट ने उनकी दलील को मानते हुए इस मामले पर 17 जनवरी को फैसला देते हुए उन्हें 1 करोड़ रुपये का मुआवज़ा देने का आदेश सुनाया। कोर्ट ने इस मामले में यूनिवर्सिटी को फटकार भी लगाई है।

ख़बरों के मुताबिक 29 साल से फिजिक्स टीचर की नौकरी कर रहीं डॉक्टर एनेट प्लॉट का दावा है कि उनकी यूनिवर्सिटी ने उन्हें नौकरी से सिर्फ इसलिए निकाल दिया क्योंकि उनकी आवाज़ तेज़ थी। हालांकि यूनिवर्सिटी ने अपने बचाव में कहा है कि उन्होंने शिक्षिका को तेज़ आवाज़ की वजह से नहीं बल्कि पीएचडी के दो छात्रों के साथ बुरा बर्ताव था। उनको नौकरी से निकालने की वजह न तो बैकग्राउंड और न ही उनका महिला होना है। वे तनाव से निपटने की दवाएं ले रही थीं। वहीं टीचर का दावा है कि उनकी आवाज़ कुदरती तौर पर बहुत तेज़ है और वे नहीं समझ पातीं कि कब वो ज्यादा लाउड हो जाती हैं।

उनका दावा है कि न्यूयॉर्क और जर्मनी में भी वो नौकरी कर चुकी हैं, लेकिन कभी इस तरह की शिकायत उनके खिलाफ नहीं आई। डॉक्टर एनेट को नौकरी से निकालने से पहले 2 बार सस्पेंड किया जा चुका था। उनका कहना है उन्हें इसी की वजह से तनाव और डिप्रेशन हुआ था। वे हर हाल में अपनी नौकरी वापस पाना चाहती हैं। हालांकि यूनिवर्सिटी का कहना है कि वो मामले में फिर से अपील करेगी।