हमारे देश में कई मंदिर विद्यमान हैं, जिन्हें अपने चमत्कारों और आस्था के लिए जाना जाता हैं। आज हम आपको देवी माँ के ऐसे ही एक अनोखे चमत्कारी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ पर मुराद पूरी करने के लिए चोरी करनी पड़ती है। जी हाँ, इस मंदिर के बारे में कई बातें प्रचलित हैं, तो आइये जानते है इस मंदिर के बारे में।
देवभूमि उत्तराखंड में कई चमत्कारी मंदिर हैं। यहां चुडिय़ाला गांव में सिद्धपीठ चूड़ामणि देवी का एक चमत्कारी मंदिर स्थित है। लोगों का मानना है कि यहां सभी मुरादें पूरी होती हैं। बस यहाँ पर चोरी करनी पड़ती है । यहां के बारे में प्रचलित कथा है कि माता सती के पिता राजा दक्ष प्रजापति द्वारा आयोजित यज्ञ में भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किए जाने से नाराज माता सती ने यज्ञ में कूदकर यज्ञ को विध्वंस कर दिया था। भगवान शिव जब माता सती के मृत शरीर को लेकर जा रहे थे, तब माता का चूड़ा इस घनघोर जंगल में गिर गया था, जिसके बाद यहां पर माता की पिंडी स्थापित होने के साथ ही भव्य मंदिर का निर्माण किया गया।
देवभूमि के इस मंदिर की कहानी इस प्रकार है। बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 1805 में लंढौरा रियासत के राजा द्वारा किया गया था।ऐसा कहा जाता है कि राजा एक बार शिकार करने जंगल गए, तो वहां उन्हें माता की पिंडी के दर्शन हुए। राजा का कोई पुत्र नहीं था।राजा ने उसी समय माता से पुत्र प्राप्ति का वरदान मांगा।उनकी यह मुराद पूरी हो गई। मन्नत पूरी होने पर राजा ने इस मंदिर का निर्माण करवाया। तभी से इस मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर में लोग पुत्र प्राप्ति के लिए दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं। मान्यता यह है कि अगर आप पुत्र की चाह रखते हैं, तो ऐसे में आपको मंदिर में आकर माता के चरणों में रखा लोकड़ा चोरी करके अपने साथ ले जाएं। उसके बाद आपके घर में बेटा पैदा होता है। जब आपकी मान्यता पूरी हो जाए फिर आपको वहां जाकर माथा टेकना होता है।