यहां लोग अपनी इच्छा से चख रहे मौत का स्वाद, किया हां रहा 'लिविंग फ्यूनरल' का इस्तमाल

हर व्यक्ति चाहता हैं कि उसकी जिन्दगी एक सही त्रेल्क पर चले और समय के साथ उसमें सुधार होता रहे। इसके लिए लोग अपने अनुसार कई अनोखे आईडिया अपनाना पसंद करते है। इन्हीं अनोखे आईडिया में सामने आया हैं 'लिविंग फ्यूनरल' जिसमें लोग खुद अपनी इच्छा से मौत का स्वाद चख रहे हैं। जब आप इसके बारे में जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे। तो आइये जानते है इसके बारे में।

'लिविंग फ्यूनरल' प्रक्रिया के दौरान व्यक्ति दस मिनट तक ताबूत में कफन ओढ़कर लेटा रहता है और उससे पहले उन सारी रस्मों को भी अंजाम दिया जाता है जो किसी व्यक्ति की वास्तविक मौत के बाद किया जाता है। दक्षिण कोरिया में पिछले सात साल में करीब 25,000 लोग जिंदा रहते हुए अंतिम संस्कार की प्रक्रिया से गुजर चुके हैं।

लिविंग फ्यूनरल' की शुरुआत ह्योवोन हीलिंग कंपनी ने साल 2012 में की थी। कंपनी का दावा है कि लोग स्वेच्छा से उनके पास आते हैं। उन्हें उम्मीद है कि जीवन खत्म होने से पहले मौत का अहसास करके वो अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं। 75 वर्षीय चो जे-ही ने हाल ही में ह्योवोन हीलिंग सेंटर के 'डाइंग वेल' प्रोग्राम में 'लिविंग फ्यूनरल' को अनुभव किया। इसके बारे में उनका कहना है कि एक बार जब आप मौत को महसूस कर लेते हैं तो उसे लेकर सजग हो जाते हैं। तब आप जीवन में एक नया दृष्टिकोण अपनाते हैं।

आसन मेडिकल सेंटर के पैथोलॉजी विभाग के एक प्रोफेसर यू यून-साइल ने बताया कि कम उम्र में भी मौत के बारे में सीखना और उसकी तैयारी करना महत्वपूर्ण है। यू मौत के बारे में एक किताब भी लिख चुके हैं। 28 वर्षीय छात्र चोई जिन-कुयु ने इस प्रोग्राम में अपने अनुभव के बारे में बताया कि जब वह ताबूत में बंद थे तो उन्हें खुद को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिली। उन्हें अहसास हुआ कि अक्सर वे दूसरों को अपने प्रतिद्वंद्वियों के तौर पर देखते हैं, लेकिन ताबूत में जाने के बाद उन्हें इल्म हुआ कि इन सब बातों का कोई महत्व नहीं है। इसके अलावा चेई ने बताया कि उन्हें आभास हुआ कि वो नौकरी में जाने के बजाए स्नातक के बाद अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने वाले हैं।