देशभर में 100 स्मार्ट शहर बनाए जा रहे हैं। इन शहरों के मकानों के सामने लगी नेम प्लेट भी स्मार्ट होगी। इस नेम प्लेट में मकान मालिक के नाम और पते के साथ ही एक क्यूआर कोड भी होगा। जिसमें घर के सदस्यों और टैक्स से जुड़ी सभी जानकारियां दर्ज होंगी। इस क्यूआर कोड को स्मार्ट सिटी कंपनी के मोबाइल एप से स्कैन करते ही घर से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी अधिकृत अधिकारी या घर मालिक को उपलब्ध हो जाएंगी। स्मार्ट नेम प्लेट के कोड से संपत्ति कर का पता भी चल जाएगा। उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि स्मार्ट कंपनी के एप से बिल और टैक्स की ऑनलाइन पेमेंट भी की जा सकेगी। एक्रेलिक शीट की आधा इंच मोटी नेम प्लेट की लागत 500 रु है। पहली बार इसे नि:शुल्क लगाया जाएगा। वही घर से कचरा लेने आने वाले वाहन के चालक को क्यूआर कोड स्कैन करना होगा। इस तरह किसी घर से कचरा लिया या नहीं, इसका डेटा ऑनलाइन रिकॉर्ड हो जाएगा। मॉनिटरिंग की जरूरत नहीं रहेगी। गाड़ी की लोकेशन भी पता लगेगी। हर महीने लोगों को एप पर क्यूआर कोड को स्कैन करने से पानी, बिजली के बिल के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी। तीन चरण में हो रहा है स्मार्ट शहर बनाने का प्लान
पहले चरण रेट्रोफिटिंग में बसे-बसाए शहर के अंदर ही सुधार का काम किया जा रहा है।
दूसरे री-डेवलपमेंट के तहत पुराने शहर को स्मार्ट बनाया जा रहा है
तीसरे ग्रीन फील्ड डेवलपमेंट योजना में शहर के आसपास खाली इलाके में नए शहर बनाए जा रहे हैं। इस योजना में 24 घंटे बिजली-पानी, कचरे का निपटान, बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट,स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण का ध्यान रखना, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित माहौल दिया जाएगा।