130 साल के गैलापागोस कछुए को प्लेबॉय के नाम से जाना जाता है। डियागो नाम के इस कछुए ने अपनी प्रजाति को बचाने के लिए जमकर सेक्स किया। उसने अपनी प्रजनन क्षमता के दम पर गैलापागोस द्वीप के एस्पानोला में विलुप्त होने के कगार पर खड़े कछुओं का अस्तित्व बचा लिया। डियागो 1928 से लेकर 1933 के बीच अमेरिका लाए गए कछुओं में से एक था। डियागो को सैन डियागो ज़ू से ब्रीडिंग प्रोग्राम (प्रजनन कार्यक्रम) के तहत यहां लाया गया था। जब उसे द्वीप पर लाया गया तो वहां सिर्फ 2 नर कछुए और 12 मादा कछुए जिंदा थे।
सैन डियागो जू ब्रीडिंग प्रोग्राम के तहत डियागो ने गैलापागोस द्वीप पर 30 साल बिताए। इस कार्यक्रम को चलाने के बाद यहां कछुओं की आबादी 15 से बढ़कर 2000 पहुंच गई है। गैलापागोस नेशनल पार्क सर्विस के मुताबिक, कछुओं की 40% आबादी डियागो की ही वंशज है।
नेशनल पार्क के डायरेक्टर जॉर्ज कैरियन ने एएफपी न्यूज एजेंसी को बताया, द्वीप की आबादी को बढ़ाने के लिए ब्रीडिंग प्रोग्राम के तहत कुल 15 कछुओं को लाया गया था, लेकिन डियागो की तरह किसी ने भी बहुत अहम भूमिका अदा नहीं की। इस प्रोग्राम को द्वीप के इकोसिस्टम को सुधारने के लिए चलाया गया था। अधिकारियों का कहना है कि द्वीप का इकोसिस्टम फिलहाल कछुओं की बढ़ी आबादी के लिए पर्याप्त है। ब्रीडिंग या प्रजनन कार्यक्रम के खत्म होने के साथ 15 कछुओं (12 मादा और दो नर कछुए) को भी उनके मूल स्थान भेज दिया जाएगा।
हालांकि, कछुओं की ये प्रजाति वर्तमान में भी 'इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर' की सूची में संकटग्रस्त प्रजाति के तौर पर शामिल है।