इंसान की सेहत के बारे में आज के समय में कुछ भी नहीं कहा जा सकता हैं कि कब क्या हो जाए। और ऐसे समय में डॉक्टर ही होते हैं जो इस विकट परिस्थिति में आपकी जान बचा सकते हैं। ऐसा ही कुछ देखने को मिला चीन से अमेरिका के न्यूयॉर्क जा रही एक फ्लाइट में जिसने यह फिर से साथक कर दिया कि धरती पर भगवान का रूप डॉक्टर ही हैं। इस डॉक्टर ने बुजुर्ग मरीज को ठीक करने के लिए आधे घंटे से ज्यादा समय तक उसके मूत्राशय से मूत्र को चूसकर बाहर निकाला। आइये जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में।
खबरों के मुताबिक, चीन के गुआंगजौ से न्यूयॉर्क जाने वाली फ्लाइट में ये बुजुर्ग यात्री सफर कर रहे थे। न्यूयॉर्क पहुंचने से करीब छह घंटे पहले ही उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई। पेशाब न कर पाने की वजह से यह बुजुर्ग बहुत परेशान थे। चिकित्सा सहायता के लिए इस बात की जानकारी क्रू मेंबर्स को दी गई। इसके बाद फ्लाइट के क्रू मेंबर्स ने बुजुर्ग के लिए पायलट केबिन के पास ही एक अस्थाई बिस्तर का इंतजाम किया।
मरीज को प्राथमिक सहायता देने के लिए क्रू मेंबर्स ने यात्रियों से पूछा कि क्या यहां कोई डॉक्टर सफर कर रहा है? जानकारी मिलने के बाद फ्लाइट में यात्रा कर रहे एक सर्जन डॉक्टर झांग मरीज के मदद के लिए आगे आए। डॉक्टर झांग ने जब जांच किया तो पाया कि पेशाब करने में असमर्थ होने की वजह से मरीज के मूत्राशय में करीब एक लीटर से ज्यादा मूत्र भर गया है। जमा हो रखे इस मूत्र को जल्दी बाहर निकालना जरूरी था अन्यथा मूत्राशय फटने की वजह से मरीज की जान भी जा सकती है।
हवाई जहाज में कोई ऐसा मेडिकल उपकरण नहीं मौजूद था जिससे मरीज के मूत्र को बाहर निकाला जाए। डॉक्टर झांग ने हवाई जहाज में ही मौजूद सामान से ही उपकरण बनाने का विचार किया। इसके लिए उन्होंने ऑक्सीजन मास्क, एक सिरिंज, टेप और दूध की बोतल का इस्तेमाल किया। मूत्र निकालने के लिए डॉक्टर झांग ने सिरिंज का इस्तेमाल किया लेकिन यह काम नहीं कर सका। वहीं मरीज का मूत्राशय इतना फुल चुका था कि थोड़े से दबाव पर ही वो फट सकता था।
जब डॉक्टर झांग को कोई रास्ता नहीं दिखा तो उन्होंने मुंह से ही मूत्र को चूसकर बाहर निकालने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने एक कप और पाइप की नली का सहारा लिया। इसके लिए उन्होंने पाइप की नली और कप का इस्तेमाल किया। डॉक्टर झांग ने करीब 37 मिनट तक मरीज का लगभग 700 से 800 मिलीलीटर मूत्र चूसकर बाहर निकाला और उसकी जान बचा ली। मरीज के मूत्र को केबिन क्रू द्वारा एक बोतल में जमा कर लिया गया ताकि बाद में पता चल सके कि कितना पेशाब बाहर आया है। डॉक्टर झांग के इस काम ने इस बात को फिर से साबित कर दिया कि भगवान का दूसरा रूप इस धरती पर डॉक्टर ही होते हैं।