दुनिया के सबसे बड़े गर्म रेगिस्तान से जुड़ी है कई रहस्यमयी बातें

यह दुनिया कई अनोखी जगहों से जानी जाती है जिसमें कहीं अपार सागर हैं तो कहीं पहाड़। उसी तरह दुनिया का कई क्षेत्र ऐसा हैं जो मरुस्थल (रेगिस्तान) से घिरा हुआ हैं। आज इस कड़ी में हम आपको अनोखे मरुस्थल के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने रहस्यों के लिए जाना जाता हैं। हम बात कर रहे हैं सहारा मरुस्थल के बारे में। सहारा नाम रेगिस्तान के लिए अरबी शब्द 'सहरा' से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है मरुस्थल। तो आइये जानते हैं इस रेगिस्तान के बारे में।

उत्तरी अफ्रीका पूरी तरह से इस रेगिस्तान से ढंका हुआ है जबकि इसका थोड़ा सा भाग एशिया महाद्वीप में भी पड़ता है। आज हम आपको इस रेगिस्तान की कुछ खास और रहस्यमय बातें आपको बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर शायद आप भी हैरान रह जाएंगे। सहारा रेगिस्तान की लंबाई 4800 किलोमीटर जबकि चौड़ाई 1800 किलोमीटर है। क्षेत्रफल में यह रेगिस्तान यूरोप महाद्वीप के लगभग बराबर और भारत के क्षेत्रफल के दोगुने से भी अधिक है। यह करीब 92 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।

सहारा रेगिस्तान ने दुनिया के आठ फीसदी थलीय भाग को अपनी चपेट में ले रखा है। इसकी सबसे खास बात कि यह मरुस्थल 10 देशों में फैला हुआ है, जिसमें माली, मोरक्को, मुरितानिया, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, लीबिया, नाइजर, चाड, सूडान और मिस्र जैसे देश शामिल हैं। भले ही सहारा रेगिस्तान में इंसान के रहने के लिए अनुकूल परिस्थितियां नहीं हैं, लेकिन इसके बावजूद यहां 500 के करीब रेंगने वाले जीव पाए जाते हैं। इसके अलावा इस रेगिस्तान में 1000 के करीब पेड़ों की प्रजातियां भी जीवित हैं। हालांकि पेड़ ज्यादातर पानी के स्रोतों के पास ही मिलते हैं।

बाकी रेगिस्तानों की तरह सहारा में भी दिन के समय भयंकर गर्मी और रात के समय भयंकर सर्दी पड़ती है। आमतौर पर रेगिस्तानों में बर्फबारी तो होती नहीं है, लेकिन साल 2016 में यहां बर्फबारी हुई थी, जिसने सभी को हैरान कर दिया था। इसके पीछे वजह ये बताई गई थी कि रेगिस्तान के पास ही स्थित एटलस पर्वत की तलहटी में तापमान सामान्य से 10 -15 डिग्री नीचे गया था। साथ ही ऊंचाई पर कम दाब का केंद्र उत्पन्न हो गया था, जिसके कारण हवा तेजी से नीचे की तरफ आई और बर्फबारी जैसी स्थितियां पैदा हो गईं।

आज भले ही सहारा मरुस्थल वीरान और निर्जन दिखाई देता है, लेकिन करीब 6000 साल पहले यह हरा-भरा हुआ करता था। एक शोध के मुताबिक, अफ्रीका का सहारा क्षेत्र लगातार हरियाली घटते रहने के कारण लगभग 2500 साल पहले दुनिया के सबसे बड़े मरुस्थल में बदल गया। अब ऐसा क्यों हुआ, इसका पता वैज्ञानिकों को आज तक नहीं चल सका है, क्योंकि इस बदलाव से जुड़े अधिकतर प्रमाण नष्ट हो चुके हैं। ऐसा माना जाता है कि सहारा रेगिस्तान करीब 15000 साल के बाद फिर से हरा-भरा हो जाएगा।