भारत को अपने इतिहास के लिए जाना जाता हैं जिसमें पर्यटक किले और महल देखने के लिए आते हैं। लेकिउन जरा सोचिए की कुछ 50-60 लोगों का समूह किसी जगह को देखने के लिए आए और अचानक वहां से गायब हो जाए तो क्या हो। जी हां, ऐसा ही कुछ हुआ था उत्तर प्रदेश के झांसी से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गढ़कुंडार किला में जो कि अपनेआप में एक रहस्य हैं। तो चलिए जानते हैं इस रहस्यमय किले के बारे में।
11वीं सदी में बना यह किला पांच मंजिल का है, जिसमें तीन मंजिल तो ऊपर हैं, जबकि दो मंजिल जमीन के नीचे हैं। हालांकि यह किला कब बना और किसने बनवाया, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन बताया जाता है कि यह किला 1500 से 2000 साल पुराना है। यहां चंदेलों, बुंदेलों और खंगार जैसे कई शासकों का शासन रहा। यह किला सुरक्षा की दृष्टि से बनवाया गया एक ऐसा बेजोड़ नमूना है, जो लोगों को भ्रमित कर देता है। किला इस तरह बनाया गया कि यह चार-पांच किलोमीटर दूर से तो दिखता है, लेकिन नजदीक आते-आते यह दिखना बंद हो जाता है। जिस रास्ते से किला दूर से दिखता है, अगर उसी रास्ते से आप आएंगे तो रास्ता किले की बजाय कहीं और ही चला जाता है, जबकि किले के लिए दूसरा रास्ता है।
गढ़कुंडार के किले की गिनती भारत के सबसे रहस्यमय किले में होती है। आसपास के लोग बताते हैं कि काफी समय पहले यहां पास के ही गांव में एक बरात आई थी। बरात यहां किले में घूमने आई। घूमते-घूमते वो लोग तलघर में चले गए, जिसके बाद वो रहस्यमय तरीके से अचानक गायब हो गए। उन 50-60 लोगों का आज तक पता नहीं चल सका। इसके बाद भी कुछ इस तरह की घटनाएं हुईं, जिसके बाद किले के नीचे जाने वाले सभी दरवाजों को बंद कर दिया गया।
यह किला किसी भूल-भुलैया की तरह है। अगर जानकारी न हो तो इसमें अधिक अंदर जाने पर कोई भी दिशा भूल सकता है। किले के अंदर अंधेरा रहने के कारण दिन में भी यह डरावना लगता है। कहते हैं कि किले में एक खजाने का रहस्य भी छुपा हुआ है, जिसे तलाशने के चक्कर में कई लोगों की जान चली गई है। इतिहास के जानकार बताते हैं कि यहां के राजाओं के पास सोने-हीरे, जवाहरातों की कोई कमी नहीं रही। यहां के खजाने को ढूंढने की कोशिश कई लोगों ने की, लेकिन वो नाकाम रहे।