जब भी कभी जेल की बात आती हैं तो मन में कई विचार आते हैं जहां कैदियों को रहने के साथ ही खाने की समस्याओं का भी सामना करना पड़ता हैं। दुनिया में कई जेल तो ऐसी हैं जहां कैदियोंकी संख्या इतनी हैं कि सोने की भी जगह नहीं हैं। लेकिन आज इस कड़ी में हम आपको एक आलिशान जेल के बारे में बताने जा रहे हैं जहां कैदियों को होटल जैसी सुविधाएं मिलती हैं और हर कैदी पर सालाना करीब 93 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। हम बात कर रहे हैं क्यूबा में स्थित 'ग्वांतानमो बे' जेल के बारे में। इस जेल को दुनिया की सबसे महंगी जेल के तौर पर जाना जाता है।
इस जेल का ये नाम इसलिए पड़ा, क्योंकि यह ग्वांतानमो खाड़ी के तट पर स्थित है। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस जेल में फिलहाल 40 कैदी हैं और हर कैदी पर सालाना करीब 93 करोड़ रुपये खर्च होते हैं।
ग्वांतानमो बे जेल में करीब 1800 सैनिक तैनात हैं। यहां सिर्फ एक कैदी पर करीब 45 सैनिकों की नियुक्ति है। जेल की सुरक्षा में तैनात सैनिकों पर हर साल करीब 3900 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस जेल में कैदियों को इतनी सुरक्षा क्यों दी जाती है? तो आपको बता दें कि यहां कई ऐसे अपराधियों को रखा गया है, जो बेहद ही खतरनाक हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 9/11 हमले का मास्टरमाइंड खालिद शेख मोहम्मद भी इसी जेल में बंद है।
ग्वांतानमो बे जेल में तीन इमारतें, दो खुफिया मुख्यालय और तीन अस्पताल हैं। इसके साथ वकीलों के लिए भी अलग-अलग कंपाउंड बनाए गए हैं, जहां कैदी उनसे बात कर सकते हैं। इस जेल के स्टाफ और कैदियों को होटल जैसी सुविधाएं मिलती हैं। कैदियों के लिए इस जेल में चर्च, जिम, प्ले स्टेशन और सिनेमा हॉल की व्यवस्था की गई है।
पहले ग्वांतानमो बे में अमेरिका का नेवी बेस था, लेकिन बाद में इसे डिटेंशन सेंटर (हिरासत केंद्र) बना दिया गया। अमेरिका के राष्ट्रपति रहे जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने यहां एक कंपाउंड बनवाया, जहां आतंकियों को रखा जाता था। इसे कैंप को एक्स-रे नाम दिया गया था।