वैज्ञानिकों के लिए अबूझ पहेली बना मोल्योब्का ट्राएंगल, घटती हैं विचित्र घटनाएं

इस दुनिया में कई अनोखी जगहें हैं जो अपने अस्तित्व को लेकर सवाल खड़े करती हैं। आप सभी ने 'बरमूडा ट्राएंगल' का नाम तो सुना ही होगा जहां रहस्यमय तरीके से जहाज गायब होने की खबरें आती हैं। ऐसी ही एक अनोखी जगह के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जिसका नाम हैं एम-ट्राएंगल (एम-त्रिकोण) या मोल्योब्का ट्राएंगल। यह यहां घटने वाली रहस्यमयी और विचित्र घटनाओं के लिए जाना जाता हैं। एम-ट्राएंगल रूस के पर्म शहर में है। राजधानी मॉस्को से लगभग 600 मील पूरब की ओर उराल पर्वतों के पास 'मोल्योब्का' नाम का एक गांव है। एक समय था जब यह इलाका वहां के स्थानीय मानसी लोगों के लिए पवित्र माना जाता था। अब यह जगह रहस्यमय हो गई है।

इस रहस्यमय जगह को पर्म क्षेत्र का एम-त्रिकोण (ट्राएंगल) या 'पर्म विषम जोन' भी कहा जाता है, जो 70 वर्ग मील में फैली हुई है। 1980 में यह इलाका तब चर्चा में आया था, जब यहां रहस्यमय आवाजें सुनाई देने लगीं। ये आवाजें अचानक ही सुनाई देने लगती हैं। कहते हैं कि शोधकर्ताओं ने यहां ट्रैफिक का शोर यानी आती-जाती गाड़ियों की आवाजें रिकॉर्ड की हैं। ऐसा लगता है जैसे कोई तेज रफ्तार गाड़ी बगल से गुजरी हो, जबकि हैरानी की बात तो ये है कि यहां से सबसे नजदीकी सड़क करीब 40 किलोमीटर दूर है। यह अब तक रहस्य ही बना हुआ है कि गाड़ियों की आवाजें आखिर कहां से आईं।

जैसे इंसान के दैनिक जीवन में सामान्य घटनाएं होती है, ठीक वैसे ही एम-ट्राएंगल में 'असामान्य' घटनाएं घटती हैं। जैसे बादलों के बीच से धरती पर प्रकाश की एक किरण-पुंज आती हुई प्रतीत होती है, घने जंगलों में अचानक ही विचित्र सी पारदर्शक चीजें दिखने लगती हैं और आसमान में अजीब से चिह्न या अक्षर दिखाई देने लगते हैं। इसके अलावा यहां कई बार उड़नतश्तरियों के भी देखे जाने का दावा किया गया है।

इस रहस्यमय जगह के बारे में यह भी कहा जाता है कि अगर कोई मंदबुद्धि इंसान यहां कुछ दिन गुजार ले तो वह भी तेज-तर्रार और चालाक बन जाता है। इस विचित्र सी जगह पर आने पर ऐसा अहसास होता है जैसे यहां जरूर कोई चमत्कारी शक्ति है। यहां पृथ्वी से दूर किसी अनजानी या दूसरी दुनिया में आने जैसा प्रतीत होता है। कहते हैं कि 'पर्म जोन' में आने वाला गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति भी अपने आप ठीक हो जाता है।

एम-ट्राएंगल के बारे में सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि यहां कई कंपनियों के मोबाइल नेटवर्क मौजूद हैं, लेकिन इसके बावजूद यहां फोन काम ही नहीं करते। हालांकि यहीं पर एक रहस्यमय 'मिट्टी का टीला' भी है, जिसपर चढ़ गए तो आप दुनिया के किसी भी कोने में फोन कॉल लगा सकते हैं, लेकिन जैसे ही टीले से नीचे उतरेंगे, कॉल अपने आप कट जाती है। इस रहस्यमय टीले को 'कॉल बॉक्स' कहा जाता है।