देश-दुनिया अभी कोरोना की मार झेल रहे हैं जिससे हुए संक्रमितों का आंकड़ा 10 लाख को पार कर चुका हैं। इस संकट की घडी में हर देश के द्वारा समुचित कदम उठाए जा रही हैं और सरकारों द्वारा समय-समय पर लोगों का हौंसला बढाते हुए उचित जानकारी दी जा रही हैं। लेकिन मलेशिया की सरकार द्वारा महिलाओं को सलाह देना भारी पड़ गया और विवाद खड़ा हो गया। मलेशिया के महिला और परिवार कल्याण मंत्रालय ने लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए घर से काम कर रहीं महिलाओं को शांति बनाए रखने की सलाह दी है। इसके साथ ही सरकार ने एक पोस्टर जारी करते हुए कहा है कि महिलाओं को घर पर भी हमेशा की तरह सजने-संवरने के साथ अच्छे कपड़े पहनने चाहिए। हालांकि सरकार के इस सलाह की अब चौतरफा आलोचना हो रही है।
मलेशिया सरकार ने लॉकडाउन को ध्यान में रखकर सोशल मीडिया पर लिखा है कि महिलाओं के लिए इतनी लंबी छुट्टियां और घर से काम करना मुश्किल हो सकता है क्योंकि अक्सर उनका ध्यान भटक जाता है। अगर उनके पार्टनर से घर के काम में कोई गलती हो जाती है तो उसे ज्यादा तूल ना दें। जब सरकार के इस सलाह की आलोचना होने लगी तो उसने पोस्ट को हटा लिया।
मंत्रालय ने एक पोस्टर के जरिए सोफे पर आराम करते हुए एक शख्स की तस्वीर के साथ लिखा था कि अगर आप अपने पार्टनर को कुछ गलत करते हुए देखती हैं तो नजअंदाज करें। शिकायत ना कर आप उनसे मजाकिया अंदाज का इस्तेमाल करते हुए कार्टून की आवाज में बोल सकती हैं। वहीं, कुछ पोस्ट में महिलाओं से कहा गया कि वे अपने पतियों से घर के काम में मदद मांगते वक्त तंज वाले लहजे का इस्तेमाल ना करें। यदि आपको गुस्सा आए तो 20 तक उल्टी गिनती गिने और समझदारी से काम लेते हुए शांत रहें।मंत्रालय के द्वारा जारी इस एडवाइजरी की महिला संगठनों ने आलोचना की है। 'ऑल वुमेन्स ऐक्शन सोसाइटी' ने कहा कि मेक-अप करने और अच्छा दिखने के अलावा महिलाओं के पास और भी बहुत काम होते हैं। महिलाएं भी इंसान हैं, कोई सामान नहीं। महिला संगठन ने लिखा कि लॉकडाउन में घर से काम करते हुए अनुशासन में रहना, ऑफिस रूटीन फॉलो करना और ठीक तरह से ड्रेसिंग करना एक तरीका हो सकता है लेकिन लुक और मेकअप पर जोर देने की सलाह गैर-जरूरी है। मंत्रालय को इस तरह के महिला विरोधी बयान देने के बजाय घरेलू हिंसा पीड़ितों पर ध्यान देना चाहिए। इस समय सबसे ज्यादा खतरे में महिलाएं ही हैं।