मध्य प्रदेश का ग्वालियर-चंबल क्षेत्र अब नकली पुलिस और पुलिस थानों की वजह से चर्चा में बना हुआ है। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि यहां सब्जीवाले, साइन पेंटर्स और दैनिक मजदूर पुलिस की वर्दी में घूम रहे थे। इतना ही नहीं यह लोग ग्वालियर स्थित फोनी पुलिस थाने में बैठकर पुलिसकर्मी की तरह व्यवहार भी कर रहे थे। इस गैंग ने न सिर्फ स्थानीय लोगों से पैसे वसूले बल्कि लोगों की शिकायतें भी दर्ज कीं।
गैंग के भंडाफोड़ के बारे में मुखबिर आशीष चतुर्वेदी ने बताया कि एक अधिकारी दिसंबर 2017 में ग्वालियर मेला ग्राउंड में व्यवस्था देख रहे थे, तभी खाकी वर्दी में चार लोगों ने उन्हें सलाम किया। जिस तरीके से उन्होंने सलाम किया, उससे अधिकारी को कुछ संदेहास्पद लगा। अधिकारी ने चारों से उनका परिचय मांगा, बदले में उन्हें जो जवाब मिला उससे वे हैरान रह गए। दो ने बताया कि वे मजदूर हैं, एक ने खुद को पेंटर और एक ने सब्जीवाला बताया।
इसके बाद एसपी नवनीत भसीन ने जांच के आदेश दिए। आशीष ने बताया, 'रिपोर्ट साफ है। यह बताती है कि चारों आरोपी एक इंस्पेक्टर के निर्देश में पुलिस का रूप धरे हुए थे। जांच में यह भी सामने आया कि इंस्पेक्टर एक पुलिस थाने से संचालन कर रहा था जो पुलिस रेकॉर्ड में मौजूद ही नहीं है। अपनी रिपोर्ट में अधिकारी ने वसूली और भ्रष्टाचार की जांच की सलाह भी दी थी लेकिन कुछ नहीं हुआ।' टाइम्स न्यूज