लाखों प्लास्टिक बोतलों से बना डाला 28.5 मीटर लम्बा क्रिसमस ट्री, जल्द होगा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल

क्रिसमस आ चुका हैं और चारों तरफ इसकी रौनक देखी जा सकती हैं। इसके आगमन में सभी क्रिसमस ट्री बनाते हैं और उसे सजाते हैं। लेकिन कुछ क्रिसमस ट्री अपनेआप में इतने अनोखे होते हैं कि सुर्ख़ियों में आ जाते हैं। ऐसा ही एक क्रिसमस ट्री उत्तरी लेबनान में तैयार किया गया हैं जो कि लोगों को प्लास्टिक के प्रयोग से रोकने के लिए एक नई पहल हैं। यह क्रिसमस ट्री अपनेआप इ बेहद ही अनोखा हैं और यह जल्द ही गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल होगा।

उत्तरी लेबनान के चेक्का गांव में 1,20,000 प्लास्टिक की बोतलों से क्रिसमस ट्री तैयार किया गया है। इस क्रिसमस ट्री की लम्बाई 28.5 मीटर है और गांव वालों ने मिलकर इसे 20 दिन में तैयार किया है गांववालों का मानना है कि यह प्लास्टिक बोतलों से बना दुनिया का सबसे विशाल क्रिसमस ट्री है, जो जल्द ही गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल होगा। इसकी प्रोजेक्ट हेड कैरोलिनी छेबिटिनी का कहना है कि यह पेड़ दुनियाभर के लोगों को प्लास्टिक से पर्यावरण सुरक्षित रखने का संदेश देगा।

क्रिसमस ट्री बनाने की तैयारी 6 माह पहले हुई थी। गांववालों ने सोशल मीडिया की मदद से लगातार 6 महीने तक 1,29,000 बोतल इकट्ठा कीं। प्रोजेक्ट हेड कैरोलिनी के मुताबिक, प्लास्टिक की बोतलों को इकट्ठा करने के लिए सोशल मीडिया पर लोगों से बोतलों को फेंकने की जगह हमें देने की अपील की गई थी। लोगों ने इस पहल में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कैरोलिनी कहती हैं, क्रिसमस ट्री को करीब डेढ़ महीने तक लोगों के लिए रखा जाएगा। इसके बाद इन बोतलों को रिसाइकल किया जाएगा। साथ ही गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए आवेदन किया गया है। इसके लिए संस्था ने हमें क्रिसमस ट्री से जुड़े साक्ष्य और जानकारी भेजने को कहा है।

इससे पहले 2018 में प्लास्टिक बोतल से तैयार क्रिसमस ट्री का रिकॉर्ड मेक्सिको के नाम था। जिसे 98 हजार बोतलों से तैयार किया गया था। 22 टन के पेड़ को मेक्सिको की संस्था गोर्बियर्नो डेल एस्टडो डे एगुआस्केलिनेट्स ने तैयार किया था। लेबनान में क्रिसमस ट्री बनाने वाली टीम काफी खुश है। प्रोजेक्ट से जुड़े यूसेफ-अल-शेख का कहना है कि यह ट्री पर्यावरण को बचाने की पहल का हिस्सा है जिससे गांववालों को कचरे से निपटने की सीख मिलेगी और देश को प्रदूषण से बचा पाएंगे।

टीम से जुडे अलेक्जेंडर कहते हैं, इस पेड़ में इस्तेमाल हुई बोतलों को रिसाइकल करने के बाद होने वाली कमाई रेड क्रॉस को डोनेट करेंगे। लेबनान के लिए यह पहल काफी अहम है, क्योंकि 2015 में यहां कचरे का निस्तारण एक बड़ी समस्या बन गई थी। सरकार के पास इससे निपटने का कोई उपाय नहीं था। प्रदूषण का स्तर चरम तक पहुंच गया। इसके बाद से कैंसर के मामलों में इजाफा भी हुआ था।